9---anye-vyAkaraNa-sambaddha-viShayAH/12---ChAtraiH-viracitAni-karapatrANi/sUtra-prasakti-prApti-tulnam: Difference between revisions
< 09 - अन्ये व्याकरण-सम्बद्ध-विषयाः | 12---ChAtraiH-viracitAni-karapatrANi9---anye-vyAkaraNa-sambaddha-viShayAH/12---ChAtraiH-viracitAni-karapatrANi/sUtra-prasakti-prApti-tulnam
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+ | {{DISPLAYTITLE: 01 - सूत्र-प्रसक्ति-प्राप्ति-तुलनं भ्वादौ, दिवादौ, तुदादौ च }} |
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− | <small>09 - अन्ये व्याकरण-सम्बद्ध-विषयाः > 12 - छात्रैः विरचितानि करपत्राणि > </small> |
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+ | <small>09 - अन्ये व्याकरण-सम्बद्ध-विषयाः > [[9---anye-vyAkaraNa-sambaddha-viShayAH/12---ChAtraiH-viracitAni-karapatrANi|12 - छात्रैः विरचितानि करपत्राणि >]] </small> |
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− | {| class="wikitable" |
||
− | | colspan="8" |<big>'''सार्वधातुकप्रकरणम् : अदन्तम् अङ्गम् - - भ्वादिगणः, दिवादिगणः, तुदादिगणः'''</big> |
||
− | |- |
||
− | |'''<big>सूत्रम्</big>''' |
||
− | |<big>'''अनुवृत्ति-सहितसूत्रम्'''</big> |
||
− | |'''<big>भ्वादि गण</big>''' |
||
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||
− | '''<big>कार्यम्</big>''' |
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− | |<big>'''भ्वादि गण निमित्तम्'''</big> |
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− | |'''<big>दिवादि गण</big>''' |
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− | |||
− | '''<big>कार्यम्</big>''' |
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− | |'''<big>दिवादि गण निमित्तम्</big>''' |
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− | |'''<big>तुदादि गण</big>''' |
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− | |||
− | '''<big>कार्यम्</big>''' |
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− | |'''<big>तुदादि गण निमित्तम्</big>''' |
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− | |- |
||
− | |तिङ्शित् सार्वधातुकम् |
||
− | (३.४.११३) |
||
− | |धातोः परश्च तिङ्-शित् प्रत्ययः |
||
− | सार्वधातुकम् | |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |शप् शित् अस्ति |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |श्यन् शित् अस्ति |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |श शित् अस्ति |
||
− | |- |
||
− | |सार्वधातुकार्धधातुकयोः |
||
− | (७.३.८४) |
||
− | |इकः अङ्गस्य गुणः |
||
− | सार्वधातुकार्धधातुकयोः | |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |शप् शित् अतः तिङ्शित् |
||
− | सार्वधातुकम् (३.४.११३) इत्यनेन |
||
− | |||
− | सार्वधातुक सज्ञा |
||
− | |अ/न |
||
− | |श्यन् शित् अतः तिङ्शित् |
||
− | सार्वधातुकम् (३.४.११३) इत्यनेन |
||
− | |||
− | सार्वधातुक सज्ञा | |
||
− | |||
− | किन्तु श्यन् अपित् - |
||
− | सार्वधातुकमपित्, |
||
− | |||
− | क्क्ङिति च - गुण निषेध: |
||
− | |अ/न |
||
− | |श शित् अतः तिङ्शित् सार्वधातुकम् |
||
− | (३.४.११३) इत्यनेन सार्वधातुक सज्ञा | |
||
− | |||
− | |||
− | किन्तु श अपित् - सार्वधातुकमपित्, |
||
− | |||
− | क्क्ङिति च - गुण निषेध: |
||
− | |- |
||
− | |पुगन्तलघूपधस्य च (७.३.८६) |
||
− | |पुगन्तलघूपधस्य च अङ्गस्य इकः |
||
− | गुणः सार्वधातुकार्धधातुकयोः | |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |शप् शित् अतः तिङ्शित् |
||
− | सार्वधातुकम् (३.४.११३) इत्यनेन |
||
− | |||
− | सार्वधातुक सज्ञा |
||
− | |अ/न |
||
− | |श्यन् शित् अतः तिङ्शित् |
||
− | सार्वधातुकम् (३.४.११३) इत्यनेन |
||
− | |||
− | सार्वधातुक सज्ञा | |
||
− | |||
− | किन्तु श्यन् अपित् - |
||
− | सार्वधातुकमपित्, |
||
− | |||
− | क्क्ङिति च - गुण निषेध: |
||
− | |अ/न |
||
− | |श शित् अतः तिङ्शित् सार्वधातुकम् |
||
− | (३.४.११३) इत्यनेन सार्वधातुक सज्ञा | |
||
− | |||
− | |||
− | किन्तु श अपित् - सार्वधातुकमपित्, |
||
− | |||
− | क्क्ङिति च - गुण निषेध: |
||
− | |- |
||
− | |कर्तरि शप् (३.१.६८) |
||
− | |धातोः शप् प्रत्ययः परश्च कर्तरि |
||
− | सार्वधातुके | |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |कर्तर्यर्थे सार्वधातुके प्रत्यये परे |
||
− | |अ/न |
||
− | |दिवादिभ्यः श्यन् |
||
− | |अ/न |
||
− | |तुदादिभ्यः शः |
||
− | |- |
||
− | |सार्वधातुकमपित् (१.२.४) |
||
− | |<nowiki>सार्वधातुकम् अपित् ङित् |</nowiki> |
||
− | |न |
||
− | |शप् पित् अस्ति |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |श्यन् अपित् , शित् इत्यस्मात् |
||
− | तिङ्शित् सार्वधातुकम् इत्यनेन |
||
− | |||
− | सार्वधातुकम् |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |श अपित् , शित् इत्यस्मात् तिङ्शित् |
||
− | सार्वधातुकम् इत्यनेन सार्वधातुकम् |
||
− | |- |
||
− | |क्क्ङिति च (१.१.५) |
||
− | |<nowiki>क्क्ङिति च इकः गुणवृद्धी न |</nowiki> |
||
− | |न |
||
− | |शप् पित् अस्ति |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |सार्वधातुकमपित् |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |सार्वधातुकमपित् |
||
− | |- |
||
− | |दिवादिभ्यः श्यन् (३.१.६९) |
||
− | |दिवादिभ्यः धातुभ्यः श्यन् प्रत्ययः |
||
− | परश्च कर्तरि सार्वधातुके | |
||
− | |न |
||
− | | |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | | |
||
− | |न |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | |तुदादिभ्यः शः (३.१.७७) |
||
− | |तुदादिभ्यः धातुभ्यः श प्रत्ययः |
||
− | परश्च कर्तरि सार्वधातुके | |
||
− | |न |
||
− | | |
||
− | |न |
||
− | | |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |अनिदितां हल उपधाया क्ङिति |
||
− | (६.४.२४) |
||
− | | rowspan="2" |अनिदितां हलः अङ्गस्य |
||
− | उपधायाः नः लोपः क्ङिति | |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |<nowiki>शप् पित् अस्ति | </nowiki> |
||
− | सार्वधातुकमपित् इत्यनेन ङिद्वत् |
||
− | |||
− | नास्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |सार्वधातुकमपित् इत्यनेन ङिद्वत् |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |सार्वधातुकमपित् इत्यनेन ङिद्वत् |
||
− | |- |
||
− | ! |
||
− | |रञ्ज्, भ्रंश् - द्वौ धातू |
||
− | |शे तृम्फादीनां नुम्वाच्यः - इति वार्तिकेन |
||
− | पुनः नुमागमः आनीयते | |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |ग्रहि ज्या वयि व्यधि वष्टि विचति |
||
− | वृश्चति पृच्छति भृज्जतीनां ङिति |
||
− | |||
− | च (६.१.१६) |
||
− | | rowspan="2" |ग्रहि ज्या वयि व्यधि वष्टि विचति |
||
− | वृश्चति पृच्छति भृज्जतीनां ङिति |
||
− | |||
− | किति च सम्प्रसारणम् | |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |<nowiki>शप् पित् अस्ति | </nowiki> |
||
− | सार्वधातुकमपित् इत्यनेन ङिद्वत् |
||
− | |||
− | नास्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |सार्वधातुकमपित् इत्यनेन ङिद्वत् |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |सार्वधातुकमपित् इत्यनेन ङिद्वत् |
||
− | |- |
||
− | ! |
||
− | |व्यध - धातुः |
||
− | |व्रश्च्, प्रच्छ्, भ्रस्ज्, व्यच् - चत्वारः धातवः |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |ॠत इद् धातोः (७.१.१००) |
||
− | | rowspan="2" |<nowiki>ॠतः धातोः अङ्गस्य इत् |</nowiki> |
||
− | | rowspan="2" |अ/न |
||
− | |सार्वधातुकार्धधातुकयोः - इत्यनेन |
||
− | ॠकारस्य गुणः |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |सार्वधातुकमपित्, क्क्ङिति च - |
||
− | गुण निषेध: |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |सार्वधातुकमपित्, क्क्ङिति च - |
||
− | गुण निषेध: |
||
− | |- |
||
− | ! |
||
− | |जॄष्, झॄष् - द्वौ धातू |
||
− | |कॄ, गॄ - द्वौ धातू |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |हलि च (८.२.७७) |
||
− | | rowspan="2" |हलि च र्वोः धातोः उपधायाः इकः |
||
− | दीर्घः | |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |पुगन्तलघूपधस्य च - इत्यनेन |
||
− | इकः गुणः, |
||
− | |||
− | शप् (अ) - विकरणप्रत्ययः हलि |
||
− | |||
− | नास्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |श्यन् (य) - विकरणप्रत्ययः हलि अस्ति |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |श (अ) - विकरणप्रत्ययः हलि नास्ति |
||
− | |- |
||
− | ! |
||
− | |जॄष्, झॄष् - द्वौ धातू > ॠत इद् धातोः > |
||
− | |||
− | उरण् रपरः > हलि च |
||
− | |||
− | |||
− | दिवुँ, षिवुँ , स्त्रिवुँ , ष्ठिवुँ > हलि च |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |ओतः श्यनि ( ७.३.७१) |
||
− | | rowspan="2" |<nowiki>श्यनि ओतः अङ्गस्य लोपः |</nowiki> |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः शप् |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श्यन् |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श |
||
− | |- |
||
− | ! |
||
− | |दो, शो, छो, षो - चत्वारः धातवः |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |शमामष्टानां दीर्घः श्यनि (७.३.७४) |
||
− | | rowspan="2" |शमाम् अष्टानाम् अङ्गानां अचः |
||
− | दीर्घः श्यनि | |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः शप् |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श्यन् |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श |
||
− | |- |
||
− | ! |
||
− | |शमुँ, तमुँ, दमुँ, श्रमुँ, भ्रमुँ, क्षमूँ, |
||
− | |||
− | क्लमुँ, मदीँ - अष्ट धातवः |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |अचि श्नुधातुभ्रुवां य्वोरियङुवङौ |
||
− | (६.४.७७) |
||
− | | rowspan="2" |य्वोः श्नुधातुभ्रुवाम् अङ्गानां |
||
− | इयङुवङौ अचि | |
||
− | | rowspan="2" |अ/न |
||
− | |सार्वधातुकार्धधातुकयोः - |
||
− | इत्यनेन इकार-उकरयोः गुणः |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |श्यन् (य) - विकरणप्रत्ययः हलि अस्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |श (अ) - विकरणप्रत्ययः अचि अस्ति |
||
− | |- |
||
− | ! |
||
− | | |
||
− | |रि गतौ, पि गतौ, धि गतौ, क्षि गतौ - |
||
− | |||
− | चत्वारः इकारान्तधातवः | |
||
− | |||
− | |||
− | गु, ध्रु, कुङ्, णू, धू, षू - षट् |
||
− | |||
− | उकारान्तधातवः| |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |रिङ् शयग्लिङ्क्षु (७.४.२८) |
||
− | | rowspan="2" |ऋतः अङ्गस्य रिङ् यि |
||
− | असार्वधातुके शयग्लिङ्क्षु | |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श, यक् , यि |
||
− | असार्वधातुक लिङ् नास्ति |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श, यक् , यि |
||
− | असार्वधातुक लिङ् नास्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श |
||
− | |- |
||
− | ! |
||
− | | |
||
− | |मृङ्, पृङ्, दृङ्, धृङ् - चत्वार: धातवः |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |दंशसञ्जस्वञ्जां शपि (६.४.२५) |
||
− | | rowspan="2" |दंशसञ्जस्वञ्जां अङ्गस्य |
||
− | नलोपः शपि | |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |विकरणप्रत्ययः शप् |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श्यन् |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श |
||
− | |- |
||
− | |दंश्, सञ्ज्, स्वञ्ज् - सर्वे धातवः |
||
− | | |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |रञ्जेश्च (६.४.२६) |
||
− | | rowspan="2" |<nowiki>रञ्जेः च अङ्गस्य नलोपः शपि |</nowiki> |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |विकरणप्रत्ययः शप् |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श्यन् |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/न |
||
− | |विकरणप्रत्ययः श |
||
− | |- |
||
− | |रञ्ज् - धातुः |
||
− | | |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | |कृपो रो लः (८.२.१८) |
||
− | |<nowiki>कृपः उः कृपः रः लः |</nowiki> |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |कृप् - धातुः |
||
− | |न |
||
− | |सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
||
− | नास्ति |
||
− | |न |
||
− | |सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
||
− | नास्ति |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |ष्ठिवुक्लमुचमां शिति (७.३.७५) |
||
− | | rowspan="2" |ष्ठिवुक्लमुचमां अङ्गस्य अचः |
||
− | दीर्घः शिति | |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |शप् शित् अस्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/न |
||
− | |श्यन् शित् अस्ति |
||
− | सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि |
||
− | |||
− | अस्मिन् गणे नास्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/न |
||
− | |श शित् अस्ति |
||
− | सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि अस्मिन् |
||
− | |||
− | गणे नास्ति |
||
− | |- |
||
− | |ष्ठिव्, क्लम्, आङः चमु - सर्वे धातवः |
||
− | | |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |ऊदुपधाया गोहः (६.४.८९) |
||
− | | rowspan="2" |गोहः अङ्गस्य उपधायाः ऊत् |
||
− | अचि | |
||
− | (गुह्-धातोः उपधायाः दीर्घ- |
||
− | |||
− | ऊकारादेशो भवति |
||
− | |||
− | गुणहेतावजादौ प्रत्यये परे |) |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |<nowiki>शप् (अ) अचि |</nowiki> |
||
− | सार्वधातुकम् अतः गुण हेतु: | |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |<nowiki>श्यन् (य) अचि नास्ति|</nowiki> |
||
− | सार्वधातुकम् अपित् इति गुणः |
||
− | |||
− | निषेधः | |
||
− | गुह् दिवादिगणे नास्ति | |
||
− | | rowspan="2" |न |
||
− | |<nowiki>श (अ) अचि नास्ति|</nowiki> |
||
− | किन्तु, |
||
− | |||
− | सार्वधातुकम् अपित् इति गुणः निषेधः | |
||
− | |||
− | गुह् दिवादिगणे नास्ति | |
||
− | |- |
||
− | |गुहू - धातुः |
||
− | | |
||
− | | |
||
− | |- |
||
− | |अक्षोऽन्यतरस्याम् (३.१.७५) |
||
− | |अक्षः धातोः शप् कर्तरि |
||
− | सार्वधातुके; अन्यतरस्यां श्नुः | |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |अक्ष् - धातुः |
||
− | |न |
||
− | |सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
||
− | नास्ति |
||
− | |न |
||
− | |सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
||
− | नास्ति |
||
− | |- |
||
− | |तनूकरणे तक्षः (३.१.७६) |
||
− | |तनूकरणे तक्षः धातोः शप् कर्तरि |
||
− | सार्वधातुके; अन्यतरस्यां श्नुः |
||
− | |अ/अ/अ |
||
− | |तक्ष् - धातुः |
||
− | |न |
||
− | |सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
||
− | नास्ति |
||
− | |न |
||
− | |सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
||
− | नास्ति |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |पा-घ्रा-ध्मा-स्था-म्ना-दाण्-दृशि- |
||
− | अर्ति-सर्ति-शद-सदां,पिब-जिघ्र- |
||
− | |||
− | धम-तिष्ठ-मन-यच्छ-पश्य-ऋच्छ- |
||
− | |||
− | धौ-शीय-सीदाः (७.३.७८) |
||
− | | rowspan="2" |पा-घ्रा-ध्मा-स्था-म्ना-दाण्-दृशि- |
||
− | अर्ति-सर्ति-शद-सदां अङ्गस्य |
||
− | |||
− | पिब-जिघ्र-धम-तिष्ठ-मन-यच्छ- |
||
− | |||
− | पश्य-ऋच्छ-धौ-शीय- |
||
− | |||
− | सीदाः शिति | |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |शप् शित् अस्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/न |
||
− | |श्यन् शित् अस्ति |
||
− | सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि |
||
− | |||
− | अस्मिन् गणे नास्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |श शित् अस्ति |
||
− | |- |
||
− | |पा, घ्रा, ध्मा, स्था, म्ना, दाण्, |
||
− | दृश्, ऋ, सृ, शद्, सद् - |
||
− | |||
− | सर्वे धातवः |
||
− | | |
||
− | |षद्लृ (सद्), शद्लृ (शद्) - द्वौ धातू |
||
− | |- |
||
− | | rowspan="2" |इषुगमियमां छः (७.३.७७) |
||
− | | rowspan="2" |<nowiki>इषुगमियमाम् अङ्गस्य छः शिति |</nowiki> |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |शप् शित् अस्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/न |
||
− | |श्यन् शित् अस्ति |
||
− | सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि |
||
− | |||
− | अस्मिन् गणे नास्ति |
||
− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
||
− | |श शित् अस्ति |
||
− | |- |
||
− | |गम्, यम् - द्वौ धातू |
||
− | | |
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− | |इष् - धातुः |
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− | |- |
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− | | rowspan="2" |शे मुचादीनाम् (७.१.५९) |
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− | | rowspan="2" |<nowiki>मुचादीनाम् अङ्गस्य नुम् शे |</nowiki> |
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− | | rowspan="2" |न |
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− | |शप्' परे |
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− | | rowspan="2" |न |
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− | |श्यन्' परे |
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− | | rowspan="2" |अ/अ/अ |
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− | |श' परे |
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− | |- |
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− | ! |
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− | |मुच्, सिच्, विद्, खिद्, पिश्, कृत्, लिप्, |
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− | लुप् - अष्ट धातवः |
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− | |- |
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− | |गुपूधूपविच्छिपणिपनिभ्य आयः |
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− | (३.१.२८) |
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− | |गुपूधूपविच्छपणिपनिभ्यः धातुभ्यः |
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− | आयः प्रत्ययः परश्च | |
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− | |अ/अ/अ |
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− | |गुप्, धूप्, पण्, पन् - धातवः |
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− | |न |
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− | |सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि |
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− | अस्मिन् गणे नास्ति |
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− | |अ/अ/अ |
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− | |विच्छ् - धातुः |
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− | |- |
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− | |वा |
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− | भ्राशभ्लाशभ्रमुक्रमुक्लमुत्रसित्रुटि |
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− | |||
− | लषः (३.१.७०) |
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− | |भ्राशभ्लाशभ्रमुक्रमुक्लमुत्रसित्रुटि |
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− | लषः धातुभ्यः श्यन् प्रत्ययः परश्च |
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− | वा कर्तरि सार्वधातुके | |
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− | |अ/अ/अ |
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− | |भ्राश्, भ्लाश्, भ्रमु चलने, क्रम्, |
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− | क्लम्, त्रस्, लष् - धातवः |
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− | |न |
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− | |सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि |
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− | अस्मिन् गणे नास्ति |
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− | |अ/अ/अ |
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− | |त्रुट् - धातुः |
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− | |अ/अ/अ = प्रसक्तिः अस्ति , प्राप्तिः अस्ति, कार्यम् अपि भवति |
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− | अ/अ/न = प्रसक्तिः अस्ति , प्राप्तिः अस्ति, कार्यम् नास्ति |
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− | अ/अ = प्रसक्तिः अस्ति , प्राप्तिः अस्ति च |
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− | अ/न = प्रसक्तिः अस्ति ,प्राप्तिः न |
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− | न = प्रसक्तिः नास्ति |
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− | | colspan="8" |'''- भव्या रामस्वामी''' |
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− | | colspan="8" |<small>अदन्तम् अङ्गम् - - भ्वादिगणः, दिवादिगणः, तुदादिगणः</small> |
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Latest revision as of 17:50, 19 June 2021
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