04---aShTAdhyAyI-paricayaH/02---aShTAdhyAyyAH-samagradRuShTiH: Difference between revisions

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<big>यथा '''निष्ठा'<nowiki/>'' (३.२.१०२) = '''''निष्ठा एका संज्ञा अस्ति, क्त क्तवतु इत्यनयोः प्रत्यययोः कृते | सूत्रसङ्ख्यां पश्य— सूत्रसङ्ख्या-द्वारा बुद्धं यत्‌ अस्मिन्‌ सूत्रे '''प्रत्ययः, धातोः, परश्च''' इत्येषाम्‌ अधिकारः''''' | '''''तर्हि अनेन सूत्रेण क्त क्तवतु च भवतः, तयोश्च प्रत्यय-संज्ञा स्तः''''' | '''''अपि च'''परश्च''' इत्यनेन धातोः परं वहितौ''''' | ''भूते''' (३.२.८४) इत्यस्यापि अधिकारः, अतः भूतार्थे भवति | अनुवृत्ति-सहित-सूत्रमेवम्‌— '''धातोः निष्ठा भूते प्रत्ययः परश्च''' | उदा० कृ + क्तवतु → कृतवत्‌; पुंसि कृतवान्‌ |</big>
 
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