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Line 401:
<big><br /></big>
<big>६. एकाच्-धकारान्तधातवः -
Line 446:
|<big>योत्स्यते</big>
|<big>अयोत्स्यत</big>
|-
|<big>रुध्</big>
|<big>रोद्धा</big>
|<big>रोद्धुम्</big>
|<big>रोद्धव्यम्</big>
|<big>रोत्स्यति</big>
|<big>अरोत्स्यत्</big>
|-
|<big>अनु+रुध्</big>
| <big>अनुरोद्धा</big>
|<big>अनुरोद्धुम्</big>
| <big>अनुरोद्धव्यम्</big>
|<big>अनुरोत्स्यते</big>
|<big>अन्वरोत्स्यत</big>
|-
|<big>शुध्</big>
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<big><br />
व्यधँ ताडने दि प० (विध्यति), षिधुँ संराद्धौ दि प० (सिध्यति), क्रुधँ क्रोधे दि प० (क्रुध्यति), क्षुधँ बुभुक्षायाम् दि प० (क्षुध्यति), बुधँ अवगमने दि आ० (बुध्यते), युधँ सम्प्रहारे दि आ० (युध्यते), रुधिर् आवरणे रुधादि प० (रुणद्धि), अनु + रुधँ कामे दि आ० (अनुरुध्यते), शुधँ शौचे दि प० (शुध्यति), राधँ वृद्धौ दि प० (राध्यति), राधँ संसिद्धौ स्वा प० (राध्नोति), साधँ संसिद्धौ स्वा प० (साध्नोति), बन्धँ बन्धने क्र्या प० (बध्नाति)</big>
<big>अन्ये सर्वे धकारान्तधातवः सेटः |</big>
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