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<big>'''पा'''-'''घ्रा'''-'''ध्मा'''-'''स्था'''-'''म्ना'''-'''दाण्'''-'''दृशि'''-'''अर्ति'''-'''सर्ति'''-'''शद'''-'''सदां, पिब'''-'''जिघ्र'''-'''धम'''-'''तिष्ठ'''-'''मन'''-'''यच्छ'''-'''पश्य'''-'''ऋच्छ'''-'''धौ'''-'''शीय'''-'''सीदाः''' (७.३.७८) = पा घ्रा ध्मा इत्यादीनां स्थाने पिब, जिघ्र, धम एते आदेशाः भवन्ति शिति परे | केवलं शिति परे इति धेयम् | अतः पिबति परन्तु पास्यति इति | पाश्च घ्राश्च ध्माश्च ... सद् च तेषामितरेतरद्वन्द्वः पा-घ्रा-ध्मा-स्था-म्ना-दाण्-दृशि-अर्ति-सर्ति-शद-सदः, तेषां पा-घ्रा-ध्मा-स्था-
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