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<big>'''एकाचो द्वे प्रथमस्य''' (६.१.१) = अधिकारसूत्रं— प्रथमस्य एकाच्-भागस्य द्वित्वं भवति | जागृ → जा जागृ | पच् → पच् पच् | इ → इ इ | षष्ठाध्यायस्य
<big>'''अजादेर्द्वितीयस्य''' (६.१.२) | अधिकारसूत्रम्— अजादिधातोः द्वितीयस्य एकाच्-भागस्य द्वित्वं भवति | ऊर्णु → ऊर्णु नु | षष्ठाध्यायस्य
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