9---anye-vyAkaraNa-sambaddha-viShayAH/16---kta-pratyayaH: Difference between revisions

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३.  रामेण पाठशाला '''गता''' |
 
 
 
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|पठितेषु
|}
 
 
 
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'''अन्यदुदाहरणम्''' - '''''ज्वलिते अग्नौ जुहोति |''''' - ज्वल् धातोः क्त-प्रत्ययान्तरूपम् - '''ज्वलित''' | पुंसि , सप्तम्येकवचने - ज्वलिते | अग्नेः ज्वलनम् आरब्धम् , इदानीमपि ज्वलति , अग्रे अपि ज्वलिष्यति | तस्मिन् अग्नौ एव केनापि यज्ञः क्रियते , न तु भस्मीभूते अग्नौ | अतः अस्मिन् वाक्ये क्तान्तरूपम् आदिकर्मणि न तु भूते |
 
 
 
'''६.आ.   केभ्यश्चन धातुभ्यः परः विहितः क्त-प्रत्ययः कर्तरि अपि स्यात् |'''
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