9---anye-vyAkaraNa-sambaddha-viShayAH/16---kta-pratyayaH: Difference between revisions

no edit summary
No edit summary
No edit summary
Line 13:
'''निष्ठा''' (३.२.१०२) = निष्ठा-संज्ञक-प्रत्ययः धातोः परः भूतकालार्थे विहितः स्यात् | अनेन सूत्रेण क्त क्तवतु च प्रत्यय-संज्ञकौ स्तः |  '''प्रत्ययः''' (३.१.१), '''धातोः''' (३.१.९१), '''परश्च''' (३.१.२) इत्येषाम्‌ अधिकारः | '''भूते''' (३.२.८४) इत्यस्यापि अधिकारः, अतः क्त क्तवतु प्रत्ययौ धातोः परः भूतकालार्थे भवतः | अनुवृत्ति-सहित-सूत्रम्‌— '''धातोः परः निष्ठा प्रत्ययः भूते''' |
 
'''यथा''' - 
'''यथा''' -  १.  मात्रा बालकाय भोजनं '''दत्तम्''' |
 
'''यथा''' -  १.  मात्रा बालकाय भोजनं '''दत्तम्''' |
 
२.  बालकेन संस्कृतस्य गृहाभ्यासः '''कृतः''' |
Line 23 ⟶ 25:
'''तयोरेव कृत्यक्तखलर्थाः''' (३.४.७०) = कृत्य-प्रत्ययाः, '''क्त प्रत्ययः''', खल्-प्रत्ययः भावे कर्मणि च प्रयुक्ताः भवन्ति | खलः अर्थः खलर्थः,  षष्ठीतत्पुरुषः | कृत्याश्च क्ताश्च खलर्थाश्च तेषामितरेतरद्वन्द्वः '''कृत्यक्तखलर्थाः''' | '''तयोः''' सप्तम्यन्तम् , '''एव''' अव्ययपदं , '''कृत्यक्तखलर्थाः''' प्रथमान्तं , त्रिपदमिदं सूत्रम् | '''प्रत्ययः''' (३.१.१), '''धातोः''' (३.१.९१), '''परश्च''' (३.१.२) इत्येषाम्‌ अधिकारः | अस्मिन् सूत्रे '''तयोः''' इत्यनेन '''लः कर्मणि च भावे चाकर्मकेभ्यः''' (३.४.६९) इत्यस्मात् सूत्रात् '''कर्मणि, भावे अकर्मकेभ्यः''' इत्यनयोः ग्रहणम् | अनुवृत्ति-सहित-सूत्रम्‌— '''धातोः  परः कृत्यक्तखलर्थाः प्रत्ययाः कर्मणि , (अकर्मकेभ्यः धातुभ्यः) भावे''' |
 
'''यथा''' - 
'''यथा''' -  १.  <u>कर्मणि प्रयोगे</u>  - मात्रा बालकाय भोजनं '''दत्तम्''' |
 
'''यथा''' -  १.  <u>कर्मणि प्रयोगे</u>  - मात्रा बालकाय भोजनं '''दत्तम्''' |
 
२.  <u>भावे प्रयोगे</u> - शिशुना '''रुदितम्''' |
teachers
426

edits