01---dhAtugaNaparicayah/4---dhAtugaNAbhyAsaH: Difference between revisions

From Samskrita Vyakaranam
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ध्वनिमुद्रणानि--


{{DISPLAYTITLE:4 - धातुगणाभ्यासः}}
१) [https://archive.org/download/SamskritaVyakaranam2015-PaniniiyaStudy/02_dasha_dhatuganah-2__abhyasah_2015-09-23.mp3 dasha_dhAtugaNAH-2_+_abhyAsaH _2015-09-23]
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! colspan="2" |धातुगणाभ्यासः ध्वनिमुद्रणानि--
|-
|<big>१)</big>
|<big>[https://archive.org/download/SamskritaVyakaranam2015-PaniniiyaStudy/02_dasha_dhatuganah-2__abhyasah_2015-09-23.mp3 dasha_dhAtugaNAH-2_+_abhyAsaH _2015-09-23]</big>
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|}


२) [https://archive.org/download/SamskritaVyakaranam2015-PaniniiyaStudy/03_dasha_dhAtugaNAH---abhyAsaH-2_2015-09-30.mp3 dasha_dhAtugaNAH---abhyAsaH-2_2015-09-30]


<big>एतावता धातुगणानां प्रसङ्गे, गुणस्य प्रसङ्गे च बहु किमपि ज्ञातम्‌ ! अधुना अभ्यासः करणीयः; अस्मिन्‌ कोष्ठके धातवः दत्ताः सन्ति, एकैकस्य लट्‌-लकार-रूपम्‌ अपि दत्तं, धात्वर्थः अपि दत्तः | धातुं च लट्‌-लकाररूपं च दृष्ट्वा गणं गणस्य नाम च पूरयतु |</big>
३) [https://archive.org/download/Samskrita-Vyakaranam-2014_Paniniiya-Study-I/02_dasha_dhatuganah_2014-09-09.mp3 दश धातुगणाः 2014-09-09]


४) [https://archive.org/download/Samskrita-Vyakaranam-2014_Paniniiya-Study-I/03_dasha_dhatuganah_2_2014-09-16.mp3 दश धातुगणाः - 2 - 2014-09-16]


एतावता धातुगणानां प्रसङ्गे, गुणस्य प्रसङ्गे च बहु किमपि ज्ञातम्‌ ! अधुना अभ्यासः करणीयः; अस्मिन्‌ कोष्ठके धातवः दत्ताः सन्ति, एकैकस्य लट्‌-लकार-रूपम्‌ अपि दत्तं, धात्वर्थः अपि दत्तः | धातुं च लट्‌-लकाररूपं च दृष्ट्वा गणं गणस्य नाम च पूरयतु |
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|धातुः
!<big>धातुः</big>
|क्रियापदम्‌
!<big>क्रियापदम्‌</big>
|गणः
!<big>गणः</big>
|गणस्य नाम
!<big>गणस्य नाम</big>
|धात्वर्थः
!<big>धात्वर्थः</big>
|-
|-
|गृज्‌
|<big>गृज्‌</big>
|गर्जति
|<big>गर्जति</big>
|प्रथमः
|<big>प्रथमः</big>
|भ्वादिगणः
|<big>भ्वादिगणः</big>
|शब्दे
|<big>शब्दे</big>
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|शुच्‌
|<big>शुच्‌</big>
|शोचति
|<big>शोचति</big>
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|शोके
|<big>शोके</big>
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|तिल्‌
|<big>तिल्‌</big>
|तिलति
|<big>तिलति</big>
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|स्नेहने
|<big>स्नेहने</big>
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|चि
|<big>चि</big>
|चिनोति
|<big>चिनोति</big>
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|चयने
|<big>चयने</big>
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|शुष्‌
|<big>शुष्‌</big>
|शुष्यति
|<big>शुष्यति</big>
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|शोषणे
|<big>शोषणे</big>
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|दिश्‌
|<big>दिश्‌</big>
|दिशति
|<big>दिशति</big>
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|अतिसर्जने
|<big>अतिसर्जने</big>
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|विल्‌
|<big>विल्‌</big>
|वेलयति
|<big>वेलयति</big>
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|क्षेपे
|<big>क्षेपे</big>
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|मी
|<big>मी</big>
|मीनाति
|<big>मीनाति</big>
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|हिंसायाञ्च
|<big>हिंसायाञ्च</big>
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|कृष्‌
|<big>कृष्‌</big>
|कृषति
|<big>कृषति</big>
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|विलेखने
|<big>विलेखने</big>
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|भी
|<big>भी</big>
|बिभेति
|<big>बिभेति</big>
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|भये
|<big>भये</big>
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|हिंस्‌
|<big>हिंस्‌</big>
|हिनस्ति
|<big>हिनस्ति</big>
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|हिंसायाम्‌
|<big>हिंसायाम्‌</big>
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|सिव्‌
|<big>सिव्‌</big>
|सीव्यति
|<big>सीव्यति</big>
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|तन्तुसन्ताने
|<big>तन्तुसन्ताने</big>
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|धू
|<big>धू</big>
|धुनाति
|<big>धुनाति</big>
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|कम्पने
|<big>कम्पने</big>
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|हिंस्‌
|<big>हिंस्‌</big>
|हिंसयति
|<big>हिंसयति</big>
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|हिंसायाम्‌
|<big>हिंसायाम्‌</big>
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|क्षुद्‌
|<big>क्षुद्‌</big>
|क्षुणत्ति
|<big>क्षुणत्ति</big>
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|सम्पेषणे
|<big>सम्पेषणे</big>
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|-
|तन्‌
|<big>तन्‌</big>
|तनोति
|<big>तनोति</big>
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|विस्तारे
|<big>विस्तारे</big>
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|-
|स्पृश्‌
|<big>स्पृश्‌</big>
|स्पृशति
|<big>स्पृशति</big>
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|संस्पर्शने
|<big>संस्पर्शने</big>
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|तर्क्‌
|<big>तर्क्‌</big>
|तर्कयति
|<big>तर्कयति</big>
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|भाषायाम्‌
|<big>भाषायाम्‌</big>
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|दु
|<big>दु</big>
|दुनोति
|<big>दुनोति</big>
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|उपतापे
|<big>उपतापे</big>
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|भृ
|<big>भृ</big>
|भरति
|<big>भरति</big>
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|भरणे
|<big>भरणे</big>
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|या
|<big>या</big>
|याति
|<big>याति</big>
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|प्रापणे
|<big>प्रापणे</big>
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|नी
|<big>नी</big>
|नयति
|<big>नयति</big>
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|प्रापणे
|<big>प्रापणे</big>
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|जॄ
|<big>जॄ</big>
|जीर्यति
|<big>जीर्यति</big>
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|वयोहानौ
|<big>वयोहानौ</big>
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|मा
|<big>मा</big>
|मायते
|<big>मायते</big>
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|माने
|<big>माने</big>
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|पू
|<big>पू</big>
|पुनाति
|<big>पुनाति</big>
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|पवने
|<big>पवने</big>
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|भिद्
|<big>भिद्</big>
|भिनत्ति
|<big>भिनत्ति</big>
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|विदारणे
|<big>विदारणे</big>
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|दरिद्रा
|<big>दरिद्रा</big>
|दरिद्राति
|<big>दरिद्राति</big>
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|दुर्गतौ
|<big>दुर्गतौ</big>
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|भाज्‌
|<big>भाज्‌</big>
|भाजयति
|<big>भाजयति</big>
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|पृथक्कर्मणि
|<big>पृथक्कर्मणि</big>
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|मन्‌
|<big>मन्‌</big>
|मन्यते
|<big>मन्यते</big>
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|ज्ञाने
|<big>ज्ञाने</big>
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|जि
|<big>जि</big>
|जयति
|<big>जयति</big>
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|जये
|<big>जये</big>
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|क्लिश्‌
|<big>क्लिश्‌</big>
|क्लिश्नाति
|<big>क्लिश्नाति</big>
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|बिबाधने
|<big>बिबाधने</big>
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|-
|ह्वृ
|<big>ह्वृ</big>
|ह्वरति
|<big>ह्वरति</big>
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|संवरणे
|<big>संवरणे</big>
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|पुंस्‌
|<big>पुंस्‌</big>
|पुंसयति
|<big>पुंसयति</big>
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|अभिवर्धने
|<big>अभिवर्धने</big>
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|स्ना
|<big>स्ना</big>
|स्नाति
|<big>स्नाति</big>
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|शौचे
|<big>शौचे</big>
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|जीव्‌
|<big>जीव्‌</big>
|जीवति
|<big>जीवति</big>
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|प्राणधारणे
|<big>प्राणधारणे</big>
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|क्षि
|<big>क्षि</big>
|क्षिणोति
|<big>क्षिणोति</big>
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|हिंसायाम्‌
|<big>हिंसायाम्‌</big>
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|दा
|<big>दा</big>
|ददाति
|<big>ददाति</big>
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|दाने
|<big>दाने</big>
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|ध्वन्‌
|<big>ध्वन्‌</big>
|ध्वनयति
|<big>ध्वनयति</big>
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|शब्दे
|<big>शब्दे</big>
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|मुच्‌
|<big>मुच्‌</big>
|मुञ्चति
|<big>मुञ्चति</big>
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|मोक्षणे
|<big>मोक्षणे</big>
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|धातुः
|<big>धातुः</big>
|क्रियापदम्‌
|<big>क्रियापदम्‌</big>
|गणः
|<big>गणः</big>
|गणस्य नाम
|<big>गणस्य नाम</big>
|धात्वर्थः
|<big>धात्वर्थः</big>
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|पृ
|<big>पृ</big>
|पृणोति
|<big>पृणोति</big>
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|प्रीतौ
|<big>प्रीतौ</big>
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|गै
|<big>गै</big>
|गायति
|<big>गायति</big>
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|शब्दे
|<big>शब्दे</big>
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|डी
|<big>डी</big>
|डीयते
|<big>डीयते</big>
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|वहायसा गतौ
|<big>वहायसा गतौ</big>
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|भृ
|<big>भृ</big>
|बिभर्ति
|<big>बिभर्ति</big>
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|धारणपोषणयोः
|<big>धारणपोषणयोः</big>
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|भा
|<big>भा</big>
|भाति
|<big>भाति</big>
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|दीप्तौ
|<big>दीप्तौ</big>
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|सि
|<big>सि</big>
|सिनोति
|<big>सिनोति</big>
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|बन्धने
|<big>बन्धने</big>
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|स्थूल्‌
|<big>स्थूल्‌</big>
|स्थूलयते
|<big>स्थूलयते</big>
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|परिबृंहणे
|<big>परिबृंहणे</big>
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|क्षुद्‌
|<big>क्षुद्‌</big>
|क्षुणत्ति
|<big>क्षुणत्ति</big>
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|सम्पेषणे
|<big>सम्पेषणे</big>
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|पुष्‌
|<big>पुष्‌</big>
|पुष्यति
|<big>पुष्यति</big>
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|पुष्टौ
|<big>पुष्टौ</big>
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|वच्‌
|<big>वच्‌</big>
|वक्ति
|<big>वक्ति</big>
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|परिभाषणे
|<big>परिभाषणे</big>
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|कृ
|<big>कृ</big>
|करोति
|<big>करोति</big>
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|करणे
|<big>करणे</big>
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|द्रुह्‌
|<big>द्रुह्‌</big>
|द्रुह्यति
|<big>द्रुह्यति</big>
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|जिघांसायाम्‌
|<big>जिघांसायाम्‌</big>
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|शिक्ष्‌
|<big>शिक्ष्‌</big>
|शिक्षते
|<big>शिक्षते</big>
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|विद्योपादाने
|<big>विद्योपादाने</big>
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|रच्‌
|<big>रच्‌</big>
|रचयति
|<big>रचयति</big>
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|प्रतियत्ने
|<big>प्रतियत्ने</big>
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|रुच्‌
|<big>रुच्‌</big>
|रोचते
|<big>रोचते</big>
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|दीप्तौ अभिप्रीतौ च
|<big>दीप्तौ अभिप्रीतौ च</big>
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|ख्या
|<big>ख्या</big>
|ख्याति
|<big>ख्याति</big>
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|प्रकथने
|<big>प्रकथने</big>
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|स्वप्‌
|<big>स्वप्‌</big>
|स्वपिति
|<big>स्वपिति</big>
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|शये
|<big>शये</big>
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|तिज्‌
|<big>तिज्‌</big>
|तेजयति
|<big>तेजयति</big>
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|निशाने
|<big>निशाने</big>
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|ऋण्
|<big>ऋण्</big>
|ऋणोति
|<big>ऋणोति</big>
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|
|गतौ
|<big>गतौ</big>
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|सृज्‌
|<big>सृज्‌</big>
|सृज्यते
|<big>सृज्यते</big>
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|
|
|
|विसर्गे
|<big>विसर्गे</big>
|-
|-
|राध्‌
|<big>राध्‌</big>
|राध्नोति
|<big>राध्नोति</big>
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|
|
|संसिद्धौ
|<big>संसिद्धौ</big>
|-
|-
|कृश्‌‌
|<big>कृश्‌‌</big>
|कृश्यति
|<big>कृश्यति</big>
|
|
|
|
|तनूकरणे
|<big>तनूकरणे</big>
|-
|-
|पा
|<big>पा</big>
|पाति
|<big>पाति</big>
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|
|रक्षणे
|<big>रक्षणे</big>
|-
|-
|शिष्‌
|<big>शिष्‌</big>
|शिनष्टि
|<big>शिनष्टि</big>
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|
|विशेषणे
|<big>विशेषणे</big>
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|-
|ज्ञा
|<big>ज्ञा</big>
|जानाति
|<big>जानाति</big>
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|
|अवबोधने
|<big>अवबोधने</big>
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|सन्‌
|<big>सन्‌</big>
|सनोति
|<big>सनोति</big>
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|दाने
|<big>दाने</big>
|-
|-
|वञ्च्‌
|<big>वञ्च्‌</big>
|वञ्चयते
|<big>वञ्चयते</big>
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|
|प्रलम्भने
|<big>प्रलम्भने</big>
|-
|-
|रुद्‌
|<big>रुद्‌</big>
|रोदिति
|<big>रोदिति</big>
|
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|
|अश्रुविमोचने
|<big>अश्रुविमोचने</big>
|-
|-
|मृष्‌
|<big>मृष्‌</big>
|मृष्यति
|<big>मृष्यति</big>
|
|
|
|
|तितिक्षायाम्‌
|<big>तितिक्षायाम्‌</big>
|-
|-
|हा
|<big>हा</big>
|जहाति
|<big>जहाति</big>
|
|
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|
|त्यागे
|<big>त्यागे</big>
|-
|-
|प्सा
|<big>प्सा</big>
|प्साति
|<big>प्साति</big>
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|
|भक्षणे
|<big>भक्षणे</big>
|-
|-
|श्रि
|<big>श्रि</big>
|श्रयति
|<big>श्रयति</big>
|
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|
|
|सेवायाम्‌
|<big>सेवायाम्‌</big>
|-
|-
|तृष्‌
|<big>तृष्‌</big>
|तृष्यति
|<big>तृष्यति</big>
|
|
|
|
|पिपासायाम्‌
|<big>पिपासायाम्‌</big>
|-
|-
|स्तृ
|<big>स्तृ</big>
|स्तृणोति
|<big>स्तृणोति</big>
|
|
|
|
|आच्छादने
|<big>आच्छादने</big>
|-
|-
|क्षिप्‌
|<big>क्षिप्‌</big>
|क्षिपति
|<big>क्षिपति</big>
|
|
|
|
|प्रेरणे
|<big>प्रेरणे</big>
|-
|-
|द्युत्‌
|<big>द्युत्‌</big>
|द्योतते
|<big>द्योतते</big>
|
|
|
|
|दीप्तौ
|<big>दीप्तौ</big>
|-
|-
|छिद्र्‌
|<big>छिद्र्‌</big>
|छिद्रयति
|<big>छिद्रयति</big>
|
|
|
|
|कर्णभेदने
|<big>कर्णभेदने</big>
|-
|-
|हृ
|<big>हृ</big>
|हरति
|<big>हरति</big>
|
|
|
|
|हरणे
|<big>हरणे</big>
|-
|-
|विश्‌
|<big>विश्‌</big>
|विशति
|<big>विशति</big>
|
|
|
|
|प्रवेशने
|<big>प्रवेशने</big>
|-
|-
|गमि
|<big>गमि</big>
|गमयति
|<big>गमयति</big>
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|
|
|
|गतौ
|<big>गतौ</big>
|}
|}
Swarup July 2012


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धेयम्‌-- If you would like to receive notification via email whenever a new page (new lesson) gets added to our site, click here and fill in your email address. New lessons are added every few weeks.


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Also we have multiple classes conducted via conference call, on the subjects of Paniniiya Vyakaranam, Nyaya shastram, and also a bhAShA-varga for those wanting to refine their language skills. All classes are free, and people can join from anywhere in the world via local phone call or internet, whichever is more convenient. For class schedules and connect info, click here.


To join a class, or for any questions feel free to contact Swarup [[Mailto:dinbandhu@sprynet.com|<dinbandhu@sprynet.com>]].

Swarup July 2012

Latest revision as of 20:08, 20 July 2021


धातुगणाभ्यासः ध्वनिमुद्रणानि--
१) dasha_dhAtugaNAH-2_+_abhyAsaH _2015-09-23
२) dasha_dhAtugaNAH---abhyAsaH-2_2015-09-30
३) दश धातुगणाः 2014-09-09
४) दश धातुगणाः - 2 - 2014-09-16


एतावता धातुगणानां प्रसङ्गे, गुणस्य प्रसङ्गे च बहु किमपि ज्ञातम्‌ ! अधुना अभ्यासः करणीयः; अस्मिन्‌ कोष्ठके धातवः दत्ताः सन्ति, एकैकस्य लट्‌-लकार-रूपम्‌ अपि दत्तं, धात्वर्थः अपि दत्तः | धातुं च लट्‌-लकाररूपं च दृष्ट्वा गणं गणस्य नाम च पूरयतु |


धातुः क्रियापदम्‌ गणः गणस्य नाम धात्वर्थः
गृज्‌ गर्जति प्रथमः भ्वादिगणः शब्दे
शुच्‌ शोचति शोके
तिल्‌ तिलति स्नेहने
चि चिनोति चयने
शुष्‌ शुष्यति शोषणे
दिश्‌ दिशति अतिसर्जने
विल्‌ वेलयति क्षेपे
मी मीनाति हिंसायाञ्च
कृष्‌ कृषति विलेखने
भी बिभेति भये
हिंस्‌ हिनस्ति हिंसायाम्‌
सिव्‌ सीव्यति तन्तुसन्ताने
धू धुनाति कम्पने
हिंस्‌ हिंसयति हिंसायाम्‌
क्षुद्‌ क्षुणत्ति सम्पेषणे
तन्‌ तनोति विस्तारे
स्पृश्‌ स्पृशति संस्पर्शने
तर्क्‌ तर्कयति भाषायाम्‌
दु दुनोति उपतापे
भृ भरति भरणे
या याति प्रापणे
नी नयति प्रापणे
जॄ जीर्यति वयोहानौ
मा मायते माने
पू पुनाति पवने
भिद् भिनत्ति विदारणे
दरिद्रा दरिद्राति दुर्गतौ
भाज्‌ भाजयति पृथक्कर्मणि
मन्‌ मन्यते ज्ञाने
जि जयति जये
क्लिश्‌ क्लिश्नाति बिबाधने
ह्वृ ह्वरति संवरणे
पुंस्‌ पुंसयति अभिवर्धने
स्ना स्नाति शौचे
जीव्‌ जीवति प्राणधारणे
क्षि क्षिणोति हिंसायाम्‌
दा ददाति दाने
ध्वन्‌ ध्वनयति शब्दे
मुच्‌ मुञ्चति मोक्षणे
धातुः क्रियापदम्‌ गणः गणस्य नाम धात्वर्थः
पृ पृणोति प्रीतौ
गै गायति शब्दे
डी डीयते वहायसा गतौ
भृ बिभर्ति धारणपोषणयोः
भा भाति दीप्तौ
सि सिनोति बन्धने
स्थूल्‌ स्थूलयते परिबृंहणे
क्षुद्‌ क्षुणत्ति सम्पेषणे
पुष्‌ पुष्यति पुष्टौ
वच्‌ वक्ति परिभाषणे
कृ करोति करणे
द्रुह्‌ द्रुह्यति जिघांसायाम्‌
शिक्ष्‌ शिक्षते विद्योपादाने
रच्‌ रचयति प्रतियत्ने
रुच्‌ रोचते दीप्तौ अभिप्रीतौ च
ख्या ख्याति प्रकथने
स्वप्‌ स्वपिति शये
तिज्‌ तेजयति निशाने
ऋण् ऋणोति गतौ
सृज्‌ सृज्यते विसर्गे
राध्‌ राध्नोति संसिद्धौ
कृश्‌‌ कृश्यति तनूकरणे
पा पाति रक्षणे
शिष्‌ शिनष्टि विशेषणे
ज्ञा जानाति अवबोधने
सन्‌ सनोति दाने
वञ्च्‌ वञ्चयते प्रलम्भने
रुद्‌ रोदिति अश्रुविमोचने
मृष्‌ मृष्यति तितिक्षायाम्‌
हा जहाति त्यागे
प्सा प्साति भक्षणे
श्रि श्रयति सेवायाम्‌
तृष्‌ तृष्यति पिपासायाम्‌
स्तृ स्तृणोति आच्छादने
क्षिप्‌ क्षिपति प्रेरणे
द्युत्‌ द्योतते दीप्तौ
छिद्र्‌ छिद्रयति कर्णभेदने
हृ हरति हरणे
विश्‌ विशति प्रवेशने
गमि गमयति गतौ


4_-_dhAtugaNAbhyAsaH.pdf


Swarup July 2012