13---bhAShita-saMskRutam/Introductory-Sanskrit-lessons/bhUtakAlakRtantarUpANi: Difference between revisions
13---bhAShita-saMskRutam/Introductory-Sanskrit-lessons/bhUtakAlakRtantarUpANi
Content added Content deleted
No edit summary |
No edit summary |
||
(19 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1:
{{DISPLAYTITLE:
=== <big>भूतकालः (लङ्लकारः ) तिङन्तरूपाणि</big> ===▼
= <big>भूतकाले तिङन्तरूपाणि (लङ्लकारः )/कृदन्तरूपाणि (क्त अपि च क्तवतु) च</big> =
{| class="wikitable"
|
| colspan="2" |<big>लिङ्गं / वचनम्</big>▼
| colspan="2" | <big>
| colspan="
|-
|<big>एकवचनम्</big>
|<big>बहुवचनम्</big>
| colspan="2" |<big>एकवचनम्</big>
|<big>बहुवचनम् </big>
|-
|
| colspan="2" |<big>अपठत्</big>
|<big>अपठन्</big>
|-
|
| colspan="2" |<big>अपठः</big>
|<big>अपठत</big>
|-
|
| colspan="2" |<big>अपठम्</big>
|<big>अपठाम </big>
|}
▲==== <big>आत्मनेपदि क्रियापदम् [वद् धातुः] - भूतकालरूपाणि</big> ====
{| class="wikitable"
|
| colspan="2" |<big>
| colspan="
|-
|
|<big>एकवचनम्</big>
|<big>बहुवचनम् </big>
|
|-
|
|<big>अवन्दत</big>
|<big>अवन्दन्त</big>
|
|-
|
|<big>अवन्दथाः</big>
|<big>अवन्दध्वम्</big>
|
|-
|<big>उ. पु.</big>
|<big>वन्दे</big>
|<big>वन्दामहे</big>
|<big>अवन्दे</big>
|<big>अवन्दामहि </big>
|
|}
===
{| class="wikitable"
|
| colspan="2" |<big>'''वर्तमानकालः'''</big>
| colspan="2" |<big>'''भूतकालः'''</big>
|-
|
|<big>एकवचनम्</big>
|<big>बहुवचनम्</big>
|<big>एकवचनम्</big>
|<big>बहुवचनम्</big>
|-
|<big>प्र.पु.</big>
|<big>अस्ति</big>
|<big>सन्ति</big>
|<big>आसीत्</big>
|<big>आसन्</big>
|-
|<big>म. पु.</big>
|<big>असि</big>
|<big>स्थ</big>
Line 70 ⟶ 97:
|<big>आस्त</big>
|-
|<big>उ.पु.</big>
|<big>अस्मि</big>
|<big>स्मः</big>
|<big>आसम्</big>
|<big>आस्म</big>
|}
===
<big>क्त अपि च क्तवतु इति
<big>धातोः
▲<big>धातोः परतः</big> <big>कृत्-प्रत्ययस्य योजनेन प्रातिपदिकस्य</big> <big>निर्माणं भवति</big><big>। </big>
▲<big>कृदन्त रूपाणि त्रिषु लिङ्गेषु, त्रिषु-वचनेषु, सप्तसु विभक्तिषु च भवन्ति ।</big>
====<big>'''क्त्वान्तरूपम्'''</big> ====
{| class="wikitable"
|<big>'''लिङ्गम्/वचनम्'''</big>
|<big>'''एकवचनम्'''</big>
|<big>'''बहुवचनम्''' </big>
|-
|
|<big>पठितवान्</big>
|<big>पठितवन्तः</big>
|-
|
|<big>पठितवती</big>
|<big>पठितवत्यः</big>
|-
|<big>नपुंसकलिङ्गे</big>
|<big>पठितवत् /वद्</big>
|<big>पठितवन्ती</big>
|}
====
{| class="wikitable"
! colspan="1" rowspan="3" |<big>एकवचनम्</big>
Line 109 ⟶ 139:
<big>वर्तमानकालः/लट्लकारः</big>
<big>[मूलधातुः]</big>
! colspan="6" |<big>भूतकृदन्तरूपाणि ('''क्त्वान्तरूपाणि)'''</big>
|-
! colspan="2" |<big>पुंलिङ्गे</big>
Line 187 ⟶ 217:
|<big>स्थितवन्ति</big>
|-
|<big>उत्तिष्ठति </big><big>उत् + [स्था ]</big>
|<big>उत्थितवान्</big>
|<big>उत्थितवन्तः</big>
Line 261 ⟶ 289:
|<big>दत्तवन्ति</big>
|-
|<big>यच्छति [
|<big>दत्तवान्</big>
|<big>दत्तवन्तः</big>
Line 270 ⟶ 298:
|-
|<big>पश्यति [दृश्]</big>
|<big>
|<big>दृष्टवन्तः</big>
|<big>दृष्टवती</big>
Line 286 ⟶ 314:
|-
|<big>गृह्णाति [ग्रह्]</big>
|<big>
|<big>
|<big>
|<big>
|<big>
|<big>
|-
|<big>विशति [विश्]</big>
Line 309 ⟶ 337:
|<big>रुदितवन्ति</big>
|-
|<big>नृत्यति [
|<big>नृत्तवान्</big>
|<big>नृत्तवन्तः</big>
Line 325 ⟶ 353:
|<big>शक्तवन्ति</big>
|-
|<big>पृच्छति [
|<big>पृष्टवान्</big>
|<big>पृष्टवन्तः</big>
Line 334 ⟶ 362:
|}
===<big>
==== <big>'''उदाहरणं दृष्ट्वा रिक्तस्थानानि
{| class="wikitable"
! colspan="1" rowspan="3" |<big>एकवचनम्</big>
Line 342 ⟶ 370:
<big>वर्तमानकालः/</big><big>लट्लकारः</big>
<big>[मूलधातुः]</big>
! colspan="6" |<big>भूतकृदन्तरूपाणि ('''क्त्वान्तरूपाणि)'''</big>
|-
! colspan="2" |<big>पुंलिङ्गे</big>
! colspan="2" |<big>स्त्रीलिङ्गे</big>
! colspan="2" |<big>नपुंसकलिङ्गे</big>
|-
!<big>ए.व.</big>
!<big>ब. व.</big>
!<big>ए. व.</big>
!<big>ब. व.</big>
!<big>ए.व.</big>
!<big>ब.व.</big>
|-
|<big>पठति [पठ्]</big>
|<big>पठितवान्</big>
|<big>पठितवन्तः</big>
|<big>पठितवती</big>
|<big>पठितवत्यः</big>
|<big>पठितवत् </big>
|<big>पठितवन्ति</big>
|-
|<big>लिखति [लिख्]</big>
|<big>लिखितवान्</big>
|<big>लिखितवन्तः</big>
|<big>लिखितवती</big>
|<big>लिखितवत्यः</big>
|<big>लिखितवत्</big>
|<big>लिखितवन्ति</big>
|-
|<big>वदति [वद्]</big>
|<big>उदित --</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>हसति [हस्]</big>
|<big>हसित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>खादति [खाद्]</big>
|<big>खादित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>स्थापयति</big><big> [स्था + णिच् = स्थापि ] </big>
|<big>स्थापित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>चलति
|<big>चलित --</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>पतति [पत्] </big>
|<big>पतित --</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>निन्दति [निन्द्] </big>
|<big>निन्दित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>अटति [अट्] </big>
|<big>अटित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>कर्षति [कृष्]</big>
|<big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>याचति [याच्] </big>
|<big>याचित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>क्रन्दति [क्रन्द्] </big>
|<big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>जपति [जप्] </big>
|<big>जपित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>पिबति [पा]</big>
|<big>पीत--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>प्रेषयति [प्रेष्]</big>
|<big>प्रेषित --</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>आगच्छति [आ + गम्]</big>
|<big>आगत--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>आनयति [आ + नी]</big>
|<big>आनीत--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>करोति [कृ]</big>
|<big>कृत--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>स्वीकरोति [स्वी + कृ]</big>
|<big>स्वीकृत--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>भवति [भू]</big>
|<big>भूत--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>अनुभवति [अनु + भू]</big>
|<big>अनुभूत--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>तिष्ठति [स्था]</big>
|<big>स्थित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>उत्तिष्ठति [उत् + स्था]</big>
|<big>उत्थित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>नृत्यति [नृत्]</big>
|<big>नृत्त--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>स्मरति [स्मृ]</big>
|<big>स्मृत --</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>तरति [तृ]</big>
|<big>तीर्ण--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>सर्पति [सर्प्]</big>
|<big>सर्पित--</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>रोदिति [रुद्]</big>
|<big>रुदित --</big>
|
|
|
|
|
|-
|<big>शक्नोति [शक्]</big>
|<big>शक्त—</big>
|
|
|
|
|
|}
'''<big>[https://static.miraheze.org/samskritavyakaranamwiki/e/e4/Lesson_26-2.pdf भूतकाले तिङन्तरूपाणि (लङ्लकारः )/कृदन्तरूपाणि (क्त अपि च क्तवतु) PDF]</big>'''
'''<big>[https://archive.org/download/spoken-sanskrit-73_202402/026%20-%20BhutakalaKridantaRupani.ppsx भूतकाले तिङन्तरूपाणि (लङ्लकारः )/कृदन्तरूपाणि (क्त अपि च क्तवतु) PPTX with audio]</big>'''
'''<big>[https://archive.org/download/spoken-sanskrit-73_202402/026%20-%20BhutakalaKridantaRupani%20NA.ppsx भूतकाले तिङन्तरूपाणि (लङ्लकारः )/कृदन्तरूपाणि (क्त अपि च क्तवतु) PPTX without audio]</big>'''
'''PAGE 26'''
|
Latest revision as of 18:08, 11 May 2024
भूतकाले तिङन्तरूपाणि (लङ्लकारः )/कृदन्तरूपाणि (क्त अपि च क्तवतु) च
पठ्-धातोः भूतकाले तिङन्तरूपाणि
परस्मैपदि क्रियापदम् [पठ् धातुः]– भूतकालरूपाणि
वर्तमानकालः | भूतकालः | ||||
पुरुषः / वचनम् | एकवचनम् | बहुवचनम् | एकवचनम् | बहुवचनम् | |
प्र. पु. | पठति | पठन्ति | अपठत् | अपठन् | |
म. पु. | पठसि | पठथ | अपठः | अपठत | |
उ. पु. | पठामि | पठामः | अपठम् | अपठाम |
आत्मनेपदि क्रियापदम् [वन्द् धातुः] - भूतकालरूपाणि
वर्तमानकालः | भूतकालः | ||||
पुरुषः /वचनम् | एकवचनम् | बहुवचनम् | एकवचनम् | बहुवचनम् | |
प्र. पु. | वन्दते | वन्दन्ते | अवन्दत | अवन्दन्त | |
म. पु. | वन्दसे | वन्दध्वे | अवन्दथाः | अवन्दध्वम् | |
उ. पु. | वन्दे | वन्दामहे | अवन्दे | अवन्दामहि |
अस् धातोः भूतकाले तिङन्तरूपाणि
वर्तमानकालः | भूतकालः | |||
एकवचनम् | बहुवचनम् | एकवचनम् | बहुवचनम् | |
प्र.पु. | अस्ति | सन्ति | आसीत् | आसन् |
म. पु. | असि | स्थ | आसीः | आस्त |
उ.पु. | अस्मि | स्मः | आसम् | आस्म |
कृदन्तरूपाणि - क्त अपि च क्तवतु
क्त अपि च क्तवतु इति कृत्प्रत्ययाः भूतकालार्थे विहिताः भवन्ति।
धातोः पुरतः कृत्-प्रत्ययस्य योजनेन प्रातिपदिकस्य निर्माणं भवति।
कृदन्तरूपाणि त्रिषु लिङ्गेषु, त्रिषु-वचनेषु, सप्तसु विभक्तिषु च भवन्ति ।
क्त्वान्तरूपम्
लिङ्गम्/वचनम् | एकवचनम् | बहुवचनम् |
पुंलिङ्गे | पठितवान् | पठितवन्तः |
स्त्रीलिङ्गे | पठितवती | पठितवत्यः |
नपुंसकलिङ्गे | पठितवत् /वद् | पठितवन्ती |
ध्यानेन् पठतु ---
एकवचनम्
वर्तमानकालः/लट्लकारः [मूलधातुः] |
भूतकृदन्तरूपाणि (क्त्वान्तरूपाणि) | |||||
---|---|---|---|---|---|---|
पुंलिङ्गे | स्त्रीलिङ्गे | नपुंसकलिङ्गे | ||||
ए.व. | ब. व. | ए. व. | ब. व. | ए.व. | ब.व. | |
वदति [वद् ] | उदितवान् | उदितवन्तः | उदितवती | उदितवत्यः | उदितवत् | उदितवन्ति |
वक्ति [वच् ] | उक्तवान् | उक्तवन्तः | उक्तवती | उक्तवत्यः | उक्तवत् | उक्तवन्ति |
पिबति [पा ] | पीतवान् | पीतवन्तः | पीतवती | पीतवत्यः | पीतवत् | पीतवन्ति |
अस्ति [अस्] | भूतवान् | भूतवन्तः | भूतवती | भूतवत्यः | भूतवत् | भूतवन्ति |
भवति [भू ] | भूतवान् | भूतवन्तः | भूतवती | भूतवत्यः | भूतवत् | भूतवन्ति |
गच्छति [गम्] | गतवान् | गतवन्तः | गतवती | गतवत्यः | गतवत् | गतवन्ति |
वसति [वस्] | उषितवान् | उषितवन्तः | उषितवती | उषितवत्यः | उषितवत् | उषितवन्ति |
तिष्ठति [स्था] | स्थितवान् | स्थितवन्तः | स्थितवती | स्थितवत्यः | स्थितवत् | स्थितवन्ति |
उत्तिष्ठति उत् + [स्था ] | उत्थितवान् | उत्थितवन्तः | उत्थितवती | उत्थितवत्यः | उत्थितवत् | उत्थितवन्ति |
गायति [गै] | गीतवान् | गीतवन्तः | गीतवती | गीतवत्यः | गीतवत् | गीतवन्ति |
तरति [तॄ] | तीर्णवान् | तीर्णवन्तः | तीर्णवती | तीर्णवत्यः | तीर्णवत् | तीर्णवन्ति |
भ्रमति [भ्रम्] | भ्रान्तवान् | भ्रान्तवन्तः | भ्रान्तवती | भ्रान्तवत्यः | भ्रान्तवत् | भ्रान्तवन्ति |
नयति [नी] | नीतवान् | नीतवन्तः | नीतवती | नीतवत्यः | नीतवत् | नीतवन्ति |
त्यजति [त्यज्] | त्यक्तवान् | त्यक्तवन्तः | त्यक्तवती | त्यक्तवत्यः | त्यक्तवत् | त्यक्तवन्ति |
करोति [कृ] | कृतवान् | कृतवन्तः | कृतवती | कृतवत्यः | कृतवत् | कृतवन्ति |
शृणोति [श्रु] | श्रुतवान् | श्रुतवन्तः | श्रुतिवती | श्रुतवत्यः | श्रुतवत् | श्रुतवन्ति |
ददाति [दा] | दत्तवान् | दत्तवन्तः | दत्तवती | दत्तवत्यः | दत्तवत् | दत्तवन्ति |
यच्छति [दाण्] | दत्तवान् | दत्तवन्तः | दत्तवती | दत्तवत्यः | दत्तवत् | दत्तवन्ति |
पश्यति [दृश्] | दृष्टवान् | दृष्टवन्तः | दृष्टवती | दृष्टवत्यः | दृष्टवत् | दृष्टवन्ति |
जानाति [ज्ञा] | ज्ञातवान् | ज्ञातवन्तः | ज्ञातवती | ज्ञातवत्यः | ज्ञातवत् | ज्ञातवन्ति |
गृह्णाति [ग्रह्] | गृहीतवान् | गृहीतवन्तः | गृहीतवती | गृहीतवत्यः | गृहीतवत् | गृहीतवन्ति |
विशति [विश्] | विष्टवान् | विष्टवन्तः | विष्टवती | विष्टवत्यः | विष्टवत् | विष्टवन्ति |
रोदिति [रुद्] | रुदितवान् | रुदितवन्तः | रुदितवती | रुदितवत्यः | रुदितवत् | रुदितवन्ति |
नृत्यति [नृत्] | नृत्तवान् | नृत्तवन्तः | नृत्तवती | नृत्तवत्यः | नृत्तवत् | नृत्तवन्ति |
शक्नोति [शक्] | शक्तवान् | शक्तवन्तः | शक्तवती | शक्तवत्यः | शक्तवत् | शक्तवन्ति |
पृच्छति [प्रच्छ्] | पृष्टवान् | पृष्टवन्तः | पृष्टवती | पृष्टवत्यः | पृष्टवत् | पृष्टवन्ति |
अभ्यासः
उदाहरणं दृष्ट्वा रिक्तस्थानानि पूरयतु
एकवचनम्
वर्तमानकालः/लट्लकारः [मूलधातुः] |
भूतकृदन्तरूपाणि (क्त्वान्तरूपाणि) | |||||
---|---|---|---|---|---|---|
पुंलिङ्गे | स्त्रीलिङ्गे | नपुंसकलिङ्गे | ||||
ए.व. | ब. व. | ए. व. | ब. व. | ए.व. | ब.व. | |
पठति [पठ्] | पठितवान् | पठितवन्तः | पठितवती | पठितवत्यः | पठितवत् | पठितवन्ति |
लिखति [लिख्] | लिखितवान् | लिखितवन्तः | लिखितवती | लिखितवत्यः | लिखितवत् | लिखितवन्ति |
वदति [वद्] | उदित -- | |||||
हसति [हस्] | हसित-- | |||||
खादति [खाद्] | खादित-- | |||||
स्थापयति [स्था + णिच् = स्थापि ] | स्थापित-- | |||||
चलति [चल्] | चलित -- | |||||
पतति [पत्] | पतित -- | |||||
निन्दति [निन्द्] | निन्दित-- | |||||
अटति [अट्] | अटित-- | |||||
कर्षति [कृष्] | कृष्ट -- | |||||
याचति [याच्] | याचित-- | |||||
क्रन्दति [क्रन्द्] | क्रन्दित-- | |||||
जपति [जप्] | जपित-- | |||||
पिबति [पा] | पीत-- | |||||
प्रेषयति [प्रेष्] | प्रेषित -- | |||||
आगच्छति [आ + गम्] | आगत-- | |||||
आनयति [आ + नी] | आनीत-- | |||||
करोति [कृ] | कृत-- | |||||
स्वीकरोति [स्वी + कृ] | स्वीकृत-- | |||||
भवति [भू] | भूत-- | |||||
अनुभवति [अनु + भू] | अनुभूत-- | |||||
तिष्ठति [स्था] | स्थित-- | |||||
उत्तिष्ठति [उत् + स्था] | उत्थित-- | |||||
नृत्यति [नृत्] | नृत्त-- | |||||
स्मरति [स्मृ] | स्मृत -- | |||||
तरति [तृ] | तीर्ण-- | |||||
सर्पति [सर्प्] | सर्पित-- | |||||
रोदिति [रुद्] | रुदित -- | |||||
शक्नोति [शक्] | शक्त— |
भूतकाले तिङन्तरूपाणि (लङ्लकारः )/कृदन्तरूपाणि (क्त अपि च क्तवतु) PDF
भूतकाले तिङन्तरूपाणि (लङ्लकारः )/कृदन्तरूपाणि (क्त अपि च क्तवतु) PPTX with audio
भूतकाले तिङन्तरूपाणि (लङ्लकारः )/कृदन्तरूपाणि (क्त अपि च क्तवतु) PPTX without audio
PAGE 26