13---bhAShita-saMskRutam/Introductory-Sanskrit-lessons/ca-eva-api-iti: Difference between revisions
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==== <big>'''च इत्यस्य प्रयोगः समुच्च्यः (समूहः) इति अर्थे भवति।'''</big> ==== |
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<big>यथा - रमेशः शालां गच्छति। अच्युतः शालां गच्छति। अनन्तः शालां गच्छति।</big> |
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<big>रमेशः अच्युतः अनन्तः शालां |
<big>रमेशः अच्युतः अनन्तः '''च''' शालां गच्छन्ति।</big> |
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<big>उदाहरणम् -</big> |
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<big>गृहे द्वारम् वातायनम् जवनिका '''च''' सन्ति।</big> |
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<big>मार्गे लोकयानानि कारयानानि द्विचक्रिकाः च सन्ति।</big> |
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'''<big>एव इत्यस्य प्रयोगः</big>''' |
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# <big>आकाशे --- --- --- च सन्ति।</big> |
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# <big>आपणे --- --- --- --- सन्ति।</big> |
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# <big>विद्द्यालये --- --- --- --- ---।</big> |
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<big>'''रमेशः अच्युतः अनन्तः च मन्दिरं गतवन्तः।'''</big> |
<big>'''रमेशः अच्युतः अनन्तः च मन्दिरं गतवन्तः।'''</big> |
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<big>रमेशः '''एव''' मन्दिरं गतवान्। '''अर्थः''' - अच्युतः अनन्तः च मन्दिरं न गतवन्तौ।</big> |
<big>रमेशः '''एव''' मन्दिरं गतवान्। '''अर्थः''' - अच्युतः अनन्तः च मन्दिरं न गतवन्तौ।</big> |
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===== <big>अभ्यासः</big> ===== |
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<big>उदाहरणम् -</big> |
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<big>सीता आम्रफलं कदलीफलं पनसफलं च खादति।</big> |
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<big>सीता आम्रफलं '''एव''' खादति।</big> |
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<big>सीता आम्रफलं खादति '''एव''' ।</big> |
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<big>सीता आम्रफलं '''एव''' खादति।</big> |
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# <big>अरुणः --- --- --- च गच्छति।</big> |
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<big>अरुणः --- --- --- गच्छति।</big> |
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<big>अरुणः --- --- --- गच्छति।</big> |
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<big>अरुणः --- --- --- गच्छति।</big> |
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<big>अनन्तः क्रीडति '''अपि''' । '''अर्थः''' - अनन्तः आपणं गच्छति। कन्दुकं क्रीणाति। गृहम् आगच्छति। क्रीडति अपि।</big> |
<big>अनन्तः क्रीडति '''अपि''' । '''अर्थः''' - अनन्तः आपणं गच्छति। कन्दुकं क्रीणाति। गृहम् आगच्छति। क्रीडति अपि।</big> |
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===== <big>अभ्यासः</big> ===== |
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<big>इति</big> |
<big>इति</big> |
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===== <big>अभ्यासः</big> ===== |
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==== <big>अभ्यासः – उपरिदत्तस्य सम्भाषणम् अनुसृत्य स्व-शब्दैः एकं सम्भाषणं लिखतु ।</big> ==== |
==== <big>अभ्यासः – उपरिदत्तस्य सम्भाषणम् अनुसृत्य स्व-शब्दैः एकं सम्भाषणं लिखतु ।</big> ==== |
Revision as of 22:45, 19 June 2023
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च , एव , अपि , इति
च , एव , अपि , इति - एते अव्ययपदानि।
एतत् सम्भाषणं पठतु ।
सुरेशः – आनन्द ! अद्यतनस्य कार्यक्रमार्थं सर्वे सिद्धाः सन्ति किम् ?
आनन्दः – आम् भोः । सर्वे सिद्धाः एव ।
सुरेशः – तर्हि के के किं किं कुर्वन्ति ?
आनन्दः – नलिनी माला दिव्या च गानं गायन्ति । राधा अपि गायामि इति उक्तवती। यदि आगच्छति चेत् ।
सुरेशः – अपि च अन्ये किं कुर्वन्ति ?
आनन्दः – अहं कृष्णः गोविन्दः दिलीपः वाणी ललिता चन्द्रिका च मिलित्वा एकं नाटकं प्रदर्शयामः ।
सुरेशः – किरणः अपि नाटके भवामि इति उक्तवान् खलु? ।
आनन्दः – सः अद्य नगरे नास्ति एव भोः । प्रवासे अस्ति । तस्य स्थाने प्रसादः भविष्यति ।
सुरेशः – एवं वा ? अस्तु । तर्हि सायङ्काले मिलामः । भवतः कार्यक्रमः यशस्वी भवतु ।
आनन्दः – धन्यवादः सुरेश ! सायङ्काले मिलामः ।
च इत्यस्य प्रयोगः समुच्च्यः (समूहः) इति अर्थे भवति।
यथा - रमेशः शालां गच्छति। अच्युतः शालां गच्छति। अनन्तः शालां गच्छति।
रमेशः अच्युतः अनन्तः च शालां गच्छन्ति।
तथा एव -
गौरी लता लक्ष्मीः च ग्रन्थालयं गतवत्यः।
माता ओदनं क्वथितं च पचति।
पिता फलानि शाकानि पुष्पाणि च क्रीतवान्।
अभ्यासः
उदाहरणम् -
गृहे द्वारम् वातायनम् जवनिका च सन्ति।
मार्गे लोकयानानि कारयानानि द्विचक्रिकाः च सन्ति।
- आकाशे --- --- --- च सन्ति।
- आपणे --- --- --- --- सन्ति।
- विद्द्यालये --- --- --- --- ---।
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एव इत्यस्य प्रयोगः
रमेशः अच्युतः अनन्तः च मन्दिरं गतवन्तः।
रमेशः अच्युतः अनन्तः च मन्दिरं एव गतवन्तः। अर्थः - अन्यत्र कुत्रापि न गतवन्तः।
रमेशः अच्युतः अनन्तः च मन्दिरं गतवन्तः एव। अर्थः - निश्चयेन मन्दिरं गतवन्तः।
रमेशः एव मन्दिरं गतवान्। अर्थः - अच्युतः अनन्तः च मन्दिरं न गतवन्तौ।
अभ्यासः
उदाहरणम् -
सीता आम्रफलं कदलीफलं पनसफलं च खादति।
सीता आम्रफलं एव खादति।
सीता आम्रफलं खादति एव ।
सीता आम्रफलं एव खादति।
- अरुणः --- --- --- च गच्छति।
अरुणः --- --- --- गच्छति।
अरुणः --- --- --- गच्छति।
अरुणः --- --- --- गच्छति।
2.
अपि इत्यस्य प्रयोगः
रमेशः अच्युतः च क्रीडतः।
अनन्तः अपि क्रीडति। अर्थः - रमेशः अच्युतः च क्रीडतः। तदा अनन्तः अपि क्रीडति।
अनन्तः कन्दुकेन अपि क्रीडति । अर्थः - अनन्तः अन्याः क्रीडाः अपि क्रीडति। यथा - अध्ययनम् अपि करोति।
अनन्तः क्रीडति अपि । अर्थः - अनन्तः आपणं गच्छति। कन्दुकं क्रीणाति। गृहम् आगच्छति। क्रीडति अपि।
अभ्यासः
इति इत्यस्य प्रयोगः
इति
अभ्यासः
अभ्यासः – उपरिदत्तस्य सम्भाषणम् अनुसृत्य स्व-शब्दैः एकं सम्भाषणं लिखतु ।
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