13---bhAShita-saMskRutam/Introductory-Sanskrit-lessons/sma-prayogaH: Difference between revisions
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स्म -प्रयोगः
स्म इति अव्ययम् ।
वर्तमानकालिकैः धातुरुपैः सह ‘स्म’ पदस्य प्रयोगः भवति चेत् तानि रूपाणि भूतकालिकक्रियाणाम् अर्थं प्रकटयन्ति।
उदाहरणम् ---
१. पिता शयनं करोति। ---> पिता शयनं करोति स्म ।
२. माता भोजनं पचति। ---> माता भोजनं पचति स्म ।
३. गायकः गायति । ---> गायकः गायति स्म ।
४. नर्तक्यः नृत्यन्ति। ---> नर्तक्यः नृत्यन्ति स्म।
५. भक्तौ नमतः । ---> भक्तौ नमतः स्म।
६. धनिकाः दानं ददति। ---> धनिकाः दानं ददति स्म ।
७. अहं गच्छामि । ---> अहं गच्छामि स्म ।
८. यूयं पिबथ । ---> यूयं पिबथ स्म ।
९. पुष्पाणि विकसन्ति। ---> पुष्पाणि विकसन्ति स्म ।
१०. पुस्तकम् अस्ति । ---> पुस्तकम् अस्ति स्म ।
स्म पदस्य प्रयोगेण भूतकालदर्शक-क्रियापदस्य परिवर्तनं वर्तमानकालधातुरूपे भवति।
उदाः ---
१. रामः अखादत् । ---> रामः खादति स्म ।
२. अहम् अखादम् । ---> अहं खादामि स्म |
३. बालिका अपठत् । ---> बालिका पठति स्म ।
४. त्वम् अधावः। ---> त्वं धावसि स्म ।
५. श्यामः अपश्यत् । ---> श्यामः पश्यति स्म ।
६. पर्णानि अपतन्। ---> पर्णानि पतन्ति स्म ।
७. सिंहाः अगर्जन्। ---> सिंहाः गर्जन्ति स्म ।
८. यूयम् अलिखत। ---> यूयं लिखथ स्म ।
९. फलानि अभवन् । ---> फलानि भवन्ति स्म ।
१०. वयम् अक्रीडाम । ---> वयं क्रीडामः स्म ।
अभ्यासः
चित्रं दृष्ट्वा कः कः किं किं करोति स्म इति लिखतु ---
१. | बालकः पठति स्म । | |
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३. | ||
४. | ||
५. | ||
६. | ||
७. | ||
८. | ||
९. | ||
१०. | ||
११. | ||
१२. . | ||
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१५.. | ||
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