9---anye-vyAkaraNa-sambaddha-viShayAH/12---ChAtraiH-viracitAni-karapatrANi/sUtra-prasakti-prApti-tulnam: Difference between revisions
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उरण् रपरः > हलि च |
उरण् रपरः > हलि च |
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दिवुँ, षिवुँ , स्त्रिवुँ , ष्ठिवुँ > हलि च |
दिवुँ, षिवुँ , स्त्रिवुँ , ष्ठिवुँ > हलि च |
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चत्वारः इकारान्तधातवः | |
चत्वारः इकारान्तधातवः | |
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गु, ध्रु, कुङ्, णू, धू, षू - षट् |
गु, ध्रु, कुङ्, णू, धू, षू - षट् |
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उकारान्तधातवः| |
उकारान्तधातवः| |
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|- |
|- |
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Line 318: | Line 323: | ||
|सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
|सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
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नास्ति |
नास्ति |
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|- |
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| rowspan="2" |ष्ठिवुक्लमुचमां शिति (७.३.७५) |
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| rowspan="2" |ष्ठिवुक्लमुचमां अङ्गस्य अचः |
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दीर्घः शिति | |
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| rowspan="2" |अ/अ/अ |
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|शप् शित् अस्ति |
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| rowspan="2" |अ/अ/न |
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|श्यन् शित् अस्ति |
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सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि अ |
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स्मिन् गणे नास्ति |
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| rowspan="2" |अ/अ/न |
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|श शित् अस्ति |
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सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि अस्मिन् |
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गणे नास्ति |
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|ष्ठिव्, क्लम्, आङः चमु - सर्वे धातवः |
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| rowspan="2" |ऊदुपधाया गोहः (६.४.८९) |
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| rowspan="2" |गोहः अङ्गस्य उपधायाः ऊत् |
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अचि | |
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(गुह्-धातोः उपधायाः दीर्घ- |
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ऊकारादेशो भवति |
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गुणहेतावजादौ प्रत्यये परे |) |
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| rowspan="2" |अ/अ/अ |
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|<nowiki>शप् (अ) अचि |</nowiki> |
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सार्वधातुकम् अतः गुण हेतु: | |
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| rowspan="2" |न |
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|<nowiki>श्यन् (य) अचि नास्ति|</nowiki> |
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सार्वधातुकम् अपित् इति गुणः |
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निषेधः | |
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गुह् दिवादिगणे नास्ति | |
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| rowspan="2" |न |
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|<nowiki>श (अ) अचि नास्ति|</nowiki> |
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किन्तु, |
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सार्वधातुकम् अपित् इति गुणः निषेधः | |
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गुह् दिवादिगणे नास्ति | |
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|गुहू - धातुः |
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|अक्षोऽन्यतरस्याम् (३.१.७५) |
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|अक्षः धातोः शप् कर्तरि |
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सार्वधातुके; अन्यतरस्यां श्नुः | |
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|अ/अ/अ |
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|अक्ष् - धातुः |
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|न |
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|सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
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नास्ति |
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|न |
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|सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
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नास्ति |
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|- |
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|तनूकरणे तक्षः (३.१.७६) |
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|तनूकरणे तक्षः धातोः शप् कर्तरि |
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सार्वधातुके; अन्यतरस्यां श्नुः |
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|अ/अ/अ |
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|तक्ष् - धातुः |
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|न |
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|सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
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नास्ति |
|||
|न |
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|सूत्रे उल्लिखितः धातुः अस्मिन् गणे |
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नास्ति |
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|- |
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| rowspan="2" |पा-घ्रा-ध्मा-स्था-म्ना-दाण्-दृशि- |
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अर्ति-सर्ति-शद-सदां,पिब-जिघ्र- |
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धम-तिष्ठ-मन-यच्छ-पश्य-ऋच्छ- |
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धौ-शीय-सीदाः (७.३.७८) |
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| rowspan="2" |पा-घ्रा-ध्मा-स्था-म्ना-दाण्-दृशि- |
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अर्ति-सर्ति-शद-सदां अङ्गस्य |
|||
पिब-जिघ्र-धम-तिष्ठ-मन-यच्छ- |
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पश्य-ऋच्छ-धौ-शीय- |
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सीदाः शिति | |
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| rowspan="2" |अ/अ/अ |
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|शप् शित् अस्ति |
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| rowspan="2" |अ/अ/न |
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|श्यन् शित् अस्ति |
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सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि |
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अस्मिन् गणे नास्ति |
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| rowspan="2" |अ/अ/अ |
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|श शित् अस्ति |
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|- |
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|पा, घ्रा, ध्मा, स्था, म्ना, दाण्, |
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दृश्, ऋ, सृ, शद्, सद् - |
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सर्वे धातवः |
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|षद्लृ (सद्), शद्लृ (शद्) - द्वौ धातू |
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| rowspan="2" |इषुगमियमां छः (७.३.७७) |
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| rowspan="2" |<nowiki>इषुगमियमाम् अङ्गस्य छः शिति |</nowiki> |
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| rowspan="2" |अ/अ/अ |
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|शप् शित् अस्ति |
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| rowspan="2" |अ/अ/न |
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|श्यन् शित् अस्ति |
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सूत्रे उल्लिखितः धातुः कोऽपि |
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अस्मिन् गणे नास्ति |
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| rowspan="2" |अ/अ/अ |
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|श शित् अस्ति |
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|- |
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|गम्, यम् - द्वौ धातू |
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|इष् - धातुः |
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|- |
|- |
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