३९. क्त्वा- ल्यप्
क्त्वा- ल्यप् प्रयोगः
क्त्वा, ल्यप् इति प्रत्ययौ स्तः।
एकः कर्ता कार्यद्वयं क्रमेण करोति । पूर्वकार्यं यद् अस्ति तस्य सूचना धातोः क्त्वान्तरूपेण भवति।
यदि धातुः उपसर्गसहितः भवति तर्हि क्त्वाप्रत्ययस्य स्थाने ल्यप्-प्रत्ययः भवति।
क्त्वान्तशब्दाः, -ल्याप्प्रत्ययान्तशब्दाः अव्ययानि भवन्ति।
क्त्वा प्रत्ययः
ध्यानेन पठतु---
प्रथमं कार्यं । | क्त्वान्तरूपम् | |
---|---|---|
बालकः देवालयं गच्छति। | सः अर्चति। | बालकः देवालयं गत्वा अर्चति। |
बालकः खादति। | सः पिबति। | बालकः खादित्वा पिबति। |
माता स्नाति। | सा मोदकं पचति। | माता स्नात्वा मोदकं पचति। |
सः क्रीडति। | सः खादति। | सः क्रीडित्वा खादति। |
त्वं पुस्तकं पठसि। | त्वम् उत्तरं देहि। | त्वं पुस्तकं पठित्वा उत्तरं देहि। |
अहम् आपणं गच्छामि। | अहं शाकानि आनयामि। | अहम् आपणं गत्वा शाकानि आनयामि। |
कृषकाः भूमिं कर्षन्ति। | ते जलं सिञ्चन्ति। | कृषकाः भूमिं कृष्ट्वा जलं सिञ्चन्ति। |
कर्मकराः कार्यं कुर्वन्ति। | ते वेतनं नयन्ति। | कर्मकराः कार्यं कृत्वा वेतनं नयन्ति। |
रामः चिन्तयति। | सः उत्तरं लिखति। | रामः चिन्तयित्वा उत्तरं लिखति। |
क्त्वान्तरूपाणि ---
धातुः | लट्लकारः ए.व. | क्त्वान्तरूपम् | |
१. | गम् | गच्छति | गत्वा |
२. | पठ् | पठति | पठित्वा |
३. | लिख् | लिखति | लिखित्वा |
४. | कृ | करोति | कृत्वा |
५. | हस् | हसति | हसित्वा |
६. | खाद् | खादति | खादित्वा |
७. | धाव् | धावति | धावित्वा |
८. | पत् | पतति | पतित्वा |
९. | स्मृ | स्मरति | स्मृत्वा |
१०. | क्री | क्रीणाति | क्रीत्वा |
११. | हृ | हरति | हृत्वा |
१२. | सृ | सरति | सृत्वा |
१३. | श्रु | शृणोति | श्रुत्वा |
१४. | स्ना | स्नाति | स्नात्वा |
१५. | भ्रम् | भ्रमति | भ्रमित्वा |
१६. | जप् | जपति | जपित्वा |
१७. | खन् | खनति | खनित्वा |
१८. | क्रन्द् | क्रन्दति | क्रन्दित्वा |
१९. | निन्द् | निन्दति | निन्दित्वा |
२० | नृत्य् | नृत्यति | नर्तित्वा |
विशेषरूपाणि---
धातुः | लट्लकारः ए.व. | क्त्वान्तरूपम् | |
१. | पा | पिबति | पीत्वा |
२. | दा | ददाति | दत्त्वा |
३. | स्था | तिष्ठति | स्थित्वा |
४. | रुद् | रोदिति | रुदित्वा |
५. | पच् | पचति | पक्त्वा |
६. | भू | भवति | भूत्वा |
७. | अस् | अस्ति | भूत्वा |
८. | दृश् | पश्यति | दृष्ट्वा |
९. | पृच्छ् | पृच्छति | पृष्ट्वा |
१०. | नम् | नमति | नत्वा |
११. | ज्ञा | जानाति | ज्ञात्वा |
१२. | ग्रह् | गृह्णाति | गृहीत्वा |
ल्यप् - प्रत्ययः
ध्यानेन पठतु ---
प्रथमं कार्यं । | ल्यबन्तरूपम् | |
---|---|---|
बालकः उपविशति। | सः जलं पिबति। | बालकः उपविश्य जलं पिबति |
माता द्वारं प्रक्षालयति। | सा रङ्गवल्लीं लिखति। | माता द्वारं प्रक्षाल्य रङ्गवल्लीं लिखति। |
श्यामः द्वारम् उद्घाटयति। | सः बहिः गच्छति। | श्यामः द्वारम् उद्घाट्य बहिः गच्छति। |
छात्रा लेखनीं स्वीकरोति। | सा चित्रं लिखति । | छात्रा लेखनीं स्वीकृत्य चित्रं लिखति । |
भक्तः प्रतिमां संस्थापयति। | सः पूजां करोति। | भक्तः प्रतिमां संस्थाप्य पूजां करोति। |
सा माम् अनुसरति। | सा वेगेन आगच्छति। | सा माम् अनुसृत्य वेगेन आगच्छति। |
वानरः वृक्षम् आरोहति। | सः फलानि पातयति। | वानरः वृक्षम् आरुह्य फलानि पातयति। |
ग्राहकः फलानि स्वीकरोति। | सः धनं ददाति। | ग्राहकः फलानि स्वीकृत्य धनं ददाति। |
बालः आगच्छति। | सः दुग्धं पिबति। | बालः आगत्य दुग्धं पिबति। |
धनिकः धनं सङ्गृह्णाति। | सः दानं करोति। | धनिकः धनं सङ्गृह्य दानं करोति। |
ल्यबन्तरूपाणि ---
धातुः | लट्लकारः ए.व. | उपसर्गसहितं क्रियापदम् | ल्यबन्तरूपम् | |
१. | गम् | गच्छति | आगच्छति | आगत्य |
२. | नी | नयति | आनयति | आनीय |
३. | कृ | करोति | स्वीकरोति | स्वीकृत्य |
४. | स्मृ | स्मरति | विस्मरति | विस्मृत्य |
५. | लिख् | लिखति | विलिखति | विलिख्य |
६. | क्री | क्रीणाति | विक्रीणीते | विक्रीय |
७. | ज्ञा | जानाति | विजानाति | विज्ञाय |
८. | स्था | तिष्ठति | उत्तिष्ठति | उत्थाय |
९. | भू | भवति | अनुभवति | अनुभूय |
१०. | स्थापि | स्थापयति | संस्थापयति | संस्थाप्य |
क्त्वान्तरूपाणि ल्यबन्तरूपाणि च---
धातु: | क्तवा रूपम् | उपसर्गम् | ल्यप् रूपम् | |
१. | नी | नीत्वा | आ | आनीय |
२. | हृ | हृत्वा | आ | आहृत्य |
३. | स्मृ | स्मृत्वा | वि | विस्मृत्य |
४. | कृष् | कृष्ट्वा | आ | आकृष्य |
५. | कृ | कृत्वा | उप | उपकृत्य |
६. | ज्ञा | ज्ञात्वा | वि | विज्ञाय |
७. | क्री | क्रीत्वा | वि | विक्रीय |
८. | नम् | नत्वा | प्र | प्रणम्य |
९. | त्यज् | त्यक्त्वा | परि | परित्यज्य |
१०. | लिख् | लिखित्वा | वि | विलिख्य |
११. | स्था | स्थित्वा | सम् | संस्थाय |
१२. | गृह् | गृहीत्वा | सम् | सङ्गृह्य |
१३. | प्रेषि | प्रेषयित्वा | सम् | सम्प्रेष्य |
१४. | स्था | स्थित्वा | उत् | उत्थाय |
१५. | हस् | हसित्वा | वि | विहस्य |
अभ्यासः
१) उदाहरणं दृष्ट्वा वाक्येषु क्त्वाप्रयोगं कृत्वा लिखतु ---
वाक्यानि | क्त्वाप्रयोगः | |
---|---|---|
उदाः | सः शालां गच्छति, पाठं पठति। | सः शालां गत्वा पाठं पठति। |
१. | कार्यं कुर्वन्ति, श्रान्ता: भवन्ति । | |
२. | शिशुः क्रीडाङ्गणे पतति, रोदनं करोति । | |
३. | अहं फलं खदितवान्, जलं पीतवान् । | |
४. | किञ्चित् पानीयं पिबतु, अनन्तरं गच्छतु। | |
५. | सा पत्रं लिखितवती, प्रेषितवती। | |
६. | भवन्त: वार्तां श्रुण्वन्ति, विषयं जानन्ति। | |
७. | वयं नाटकं पश्याम: । गृहं गच्छाम: । | |
८. | ता: बालिका: विषयं स्मरन्ति, सम्यक् लिखन्ति । |
२) क्त्वान्तरूपाणि लिखतु ---
उदाहरणम् - पठति – पठित्वा ।
१. गच्छति - -----।
२. खादति - -----।
३. पिबति - -----।
४. करोति - -----।
५. क्रीडति - -----।
६. हरति - -----।
७. लिखति - -----।
८. स्नाति - -----।
९. पतति - -----।
१०. धावति - -----।
३) ल्यबन्तरूपाणि लिखतु ---
उदाहरणम् - आगच्छति – आगत्य ।
१. प्रणमति - -----।
२. अनुभवति - -----।
३. निर्दिशति - -----।
४. उत्तिष्ठति - -----।
५. संस्मरति - -----।
६. संहरति - -----।
७. विलिखति - -----।
८. विजानाति - -----।
९. उपकरोति - -----।
१०. सङ्गृह्णाति - -----।
४) यथोदाहरणं क्त्वान्तरूपाणि अथवा ल्यबन्तरूपाणि उपयुज्य वाक्यानि रचयतु ---
यथा -
१. पिता स्नाति। देवपूजां करोति।
पिता स्नात्वा देवपूजां करोति।
२. गुर: उपविशति। पाठं पाठयति।
गुरुः उपविश्य पाठं पाठयति ।
३. कृष्णः रथं स्थापयति । सर्वान् पश्यति। = --- --- --- --- ---।
४. माला धावति। लक्ष्यं प्राप्नोति। = --- --- --- ---।
५. राघवः गृहम् आगच्छति । जलं पिबति। = --- --- --- ---।
६. लेखिका गीतं विलिखति । गायति । = --- --- --- ---।
७. श्यामः वाक्यं स्मरति । वदति । = --- --- --- ---।
८. छात्रः कथां लिखति । कण्ठस्थीकरोति । = --- --- --- --- ---।
९. वानरः वृक्षं पश्यति । आरोहति । = --- --- --- --- ---।
१०. सा मातरं पृच्छति । अर्थं जानाति । = --- --- --- ---।
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