13---bhAShita-saMskRutam/Introductory-Sanskrit-lessons/tumun-pratyayaH: Difference between revisions
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तुमुन् प्रत्ययः |
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<big>माता – पुत्र ! शीघ्रम् आगच्छतु । बहिः गच्छावः ।</big> |
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= <big>'''तुमुन् प्रत्ययः'''</big> = |
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<big>पुत्रः – किं '''कर्तुम्''' अम्ब ?</big> |
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<big>माता – आपणं '''गन्तुम्'''।</big> |
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<big>पुत्रः – |
<big>पुत्रः – किं '''क्रेतुम्''' ?</big> |
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<big>माता – पुस्तकापणे शालापुस्तकानि क्रेतुम्। भवान् अग्रिमे सप्ताहे शालां गच्छति खलु ?</big> |
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<big>पिता – पुस्तकानां प्रचारं कर्तुं | पुस्तकप्रकाशकाः पुस्तकानि विक्रेतुं , प्रदर्शयितुं च अत्र आगच्छन्ति |</big> |
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<big>पुत्रः |
<big>पुत्रः – किमर्थं शालां गन्तव्यम् अम्ब ?</big> |
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<big>माता – पाठं '''पठितुम्'''। भवान् बुद्धिमान् '''भवितुम्''' इच्छति खलु ?</big> |
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<big>पिता – आम् | केचन क्रेतुं , पुनः केचन द्रष्टुम् | </big> |
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<big>पुत्रः – |
<big>पुत्रः – आम् अम्ब ।</big> |
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<big>माता – देवालयम् अपि गच्छावः।</big> |
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<big>पिता – जनान् आक्रष्टुम् । अत्र द्रष्टुम् आगताः केचन पातुम् इच्छन्ति, केचन खादितुम् इच्छन्ति । अतः उपाहारशकटानि अपि तत्र सन्ति । </big> |
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<big>पुत्रः – भगवन्तं '''प्रार्थयितुम्''' ।</big> |
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<big>पुत्रः – केचन भिक्षुकाः अपि सन्ति, पश्यतु । धनं याचितुम् आगताः ते ।</big> |
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<big>माता– आम् ।</big> |
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<big>पिता – आम् । ये दातुम् इच्छन्तु ते यच्छन्ति । चोरयितुम् इच्छन्तः केचन चोराः अपि अत्र भवन्ति । अतः जनान् शान्तिव्यवस्थां च रक्षितुम् अत्र आरक्षकाः सन्ति ।</big> |
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<big>पुत्रः – तदनन्तरं '''पातुं''' '''खादितुं''' च किमपि क्रीणीवः अम्ब ?</big> |
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<big>माता– अस्तु वत्स ! तथा एव कुर्वः।</big> |
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<big>पुत्रः – अद्य सायङ्काले '''क्रीडितुम्''' आगच्छामि इति शिवः उक्तवान् अम्ब ।</big> |
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<big>माता – तावत्पर्यन्तं गृहं '''प्रत्यागन्तुं''' शक्नुवः । इदानीम् आगच्छतु ।</big> |
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⚫ | <big>'''कर्तुम्, गन्तुम्, क्रेतुम्, पठितुम्, भवितुम्, प्रार्थयितुम्, पातुम्, खादितुम्, क्रीडितुम्, प्रत्यागन्तुम्''' इति एतेषु शब्देषु “'''तुमुन्'''” इति प्रत्ययः योजितः अस्ति | एकस्याः क्रियायाः अपेक्षायाम् इच्छायां वा यदि अन्या काचित् क्रिया भवति तर्हि अपेक्षितक्रियायाः प्रदर्शनाय “'''तुमुन्'''” इति प्रत्ययस्य उपयोगः भवति | यथा –</big> |
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!<big>तुमुन्नन्तरुपम्</big> |
!<big>तुमुन्नन्तरुपम्</big> |
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|१. |
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|<big>पतति</big> |
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|<big>पतितुम्</big> |
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|<big>हसति</big> |
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|<big>धावति</big> |
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|६. |
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|<big>लेखितुम्</big> |
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|<big>मिलति</big> |
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|<big>मेलितुम्</big> |
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|<big>कर्तुम्</big> |
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|१४. |
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|<big>गृह्णाति</big> |
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|<big>ग्रहीतुम्</big> |
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|१५. |
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|<big>पृच्छति</big> |
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|<big>प्रष्टुम्</big> |
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|१६. |
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|<big>पश्यति</big> |
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|<big>द्रष्टुम्</big> |
|<big>द्रष्टुम्</big> |
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|१७. |
|१७. |
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|<big>पिबति</big> |
|<big>पिबति</big> |
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|<big>पातुम्</big> |
|<big>पातुम्</big> |
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|१८. |
|१८. |
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|<big>ददाति</big> |
|<big>ददाति</big> |
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|१९. |
|१९. |
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|<big>उत्तिष्ठति</big> |
|<big>उत्तिष्ठति</big> |
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|<big>उत्थातुम्</big> |
|<big>उत्थातुम्</big> |
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|२०. |
|२०. |
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|<big>उपविशति</big> |
|<big>उपविशति</big> |
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|<big>उपवेष्टुम्</big> |
|<big>उपवेष्टुम्</big> |
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===<big>अभ्यासः</big>=== |
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<big>१. राजेशः ______ इच्छति (कथनम्) । </big> |
<big>१. राजेशः ______ इच्छति (कथनम्) । </big> |
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<big>५. कर्मकारः कर्मं______ इच्छति (करणम्) । </big> |
<big>५. कर्मकारः कर्मं______ इच्छति (करणम्) । </big> |
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<big>६. अहं |
<big>६. अहं ______ विद्यालयं गच्छामि । (पठनार्थम्)</big> |
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<big>७. देवदत्तः ______ गच्छति । (शयनार्थम्)</big> |
<big>७. देवदत्तः ______ गच्छति । (शयनार्थम्)</big> |
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<big>९. मूषकः ______ भोजनालयं प्रविशति । (खादनार्थम्)</big> |
<big>९. मूषकः ______ भोजनालयं प्रविशति । (खादनार्थम्)</big> |
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<big>१०. आरक्षकाः ______ द्वारे तिष्ठन्ति । ( |
<big>१०. आरक्षकाः ______ द्वारे तिष्ठन्ति । (रक्षणार्थम्)</big> |
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<big>१. गोविन्दः तत्र ______ शक्नोति । (स्था)</big> |
<big>१. गोविन्दः तत्र ______ शक्नोति । (स्था)</big> |
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<big>५. सर्पः बिलं ______ शक्नोति । (प्रविश्)</big> |
<big>५. सर्पः बिलं ______ शक्नोति । (प्रविश्)</big> |
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==== <big>3) तुमुनान्त परिवर्तनम् अभ्यासः</big> ==== |
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====<big>3) क्त्वान्ते तुमुन्नन्ते च परिवर्तनस्य अभ्यासः -</big> ==== |
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!<big>वर्तमानकाले</big> |
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!<big> |
!<big>क्त्वान्ते</big> |
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!<big>तुमुन्नन्ते</big> |
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|उदा. |
|<big>उदा.</big> |
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|<big>पितामही स्नाति पितामही देवम् अर्चति ।</big> |
|<big>पितामही स्नाति; पितामही देवम् अर्चति ।</big> |
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|<big>पितामही स्नानं '''कृत्वा''' देवम् अर्चति ।</big> |
|<big>पितामही स्नानं '''कृत्वा''' देवम् अर्चति ।</big> |
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|<big>पितामही देवम् '''अर्चितुम्''' स्नानं करोति।</big> |
|<big>पितामही देवम् '''अर्चितुम्''' स्नानं करोति।</big> |
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|१. |
|<big>१.</big> |
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|<big>शिशुः दुग्धं पिबति। शिशुः क्रीडति।</big> |
|<big>शिशुः दुग्धं पिबति। शिशुः क्रीडति।</big> |
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|२. |
|<big>२.</big> |
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|माता |
|<big>माता पाकशालां गच्छति। माता ओदनं पचति।</big> |
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|३. |
|<big>३.</big> |
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|नर्तकी |
|<big>नर्तकी नृत्यति। जनान् तोषयति।</big> |
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|४. |
|<big>४.</big> |
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|रामः विद्यालयं गच्छति। अध्ययनं करोति। |
|<big>रामः विद्यालयं गच्छति। अध्ययनं करोति।</big> |
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|५. |
|<big>५.</big> |
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|त्वं मधुरं खादसि। हस्तं प्रक्षालयसि। |
|<big>त्वं मधुरं खादसि। हस्तं प्रक्षालयसि।</big> |
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|६. |
|<big>६.</big> |
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|शिष्यः रामायणं पठति। अर्थं वदति। |
|<big>शिष्यः रामायणं पठति। अर्थं वदति।</big> |
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|७. |
|<big>७.</big> |
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|माला आपणं गच्छति। |
|<big>माला आपणं गच्छति। शाकानि आनयति।</big> |
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|८. |
|<big>८.</big> |
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|अहं कारयानं चालयामि। |
|<big>अहं कारयानं चालयामि। कार्यालयं गच्छामि।</big> |
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|९. |
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|वानरः |
|<big>वानरः वृक्षम् आरोहति। फलं खादति।</big> |
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|<big>१०.</big> |
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|भवान् क्रीडति। पदकं प्राप्नोति। |
|<big>भवान् क्रीडति। पदकं प्राप्नोति।</big> |
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'''<big>[https://static.miraheze.org/samskritavyakaranamwiki/9/91/PAGE_40_PDF.pdf तुमुन् प्रत्ययः pdf]</big>''' |
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Latest revision as of 20:44, 11 August 2023
एतत् संभाषणं पठत अवगच्छत च –
माता – पुत्र ! शीघ्रम् आगच्छतु । बहिः गच्छावः ।
पुत्रः – किं कर्तुम् अम्ब ?
माता – आपणं गन्तुम्।
पुत्रः – किं क्रेतुम् ?
माता – पुस्तकापणे शालापुस्तकानि क्रेतुम्। भवान् अग्रिमे सप्ताहे शालां गच्छति खलु ?
पुत्रः – किमर्थं शालां गन्तव्यम् अम्ब ?
माता – पाठं पठितुम्। भवान् बुद्धिमान् भवितुम् इच्छति खलु ?
पुत्रः – आम् अम्ब ।
माता – देवालयम् अपि गच्छावः।
पुत्रः – भगवन्तं प्रार्थयितुम् ।
माता– आम् ।
पुत्रः – तदनन्तरं पातुं खादितुं च किमपि क्रीणीवः अम्ब ?
माता– अस्तु वत्स ! तथा एव कुर्वः।
पुत्रः – अद्य सायङ्काले क्रीडितुम् आगच्छामि इति शिवः उक्तवान् अम्ब ।
माता – तावत्पर्यन्तं गृहं प्रत्यागन्तुं शक्नुवः । इदानीम् आगच्छतु ।
अवधेयम् ---
कर्तुम्, गन्तुम्, क्रेतुम्, पठितुम्, भवितुम्, प्रार्थयितुम्, पातुम्, खादितुम्, क्रीडितुम्, प्रत्यागन्तुम् इति एतेषु शब्देषु “तुमुन्” इति प्रत्ययः योजितः अस्ति | एकस्याः क्रियायाः अपेक्षायाम् इच्छायां वा यदि अन्या काचित् क्रिया भवति तर्हि अपेक्षितक्रियायाः प्रदर्शनाय “तुमुन्” इति प्रत्ययस्य उपयोगः भवति | यथा –
रामः चषकं स्वीकरोति | दुग्धं पिबति | रामः दुग्धं पातुं चषकं स्वीकरोति |
अत्र रामस्य दुग्धपाने इच्छा अस्ति | अतः सः चाषक-स्वीकरणरूपम् अन्यां क्रियाम् अपि करोति |
अथवा “किमर्थम्” इति प्रश्नस्य यत् उत्तरं भवति तत्र प्रायः “तुमुन्” इति प्रत्ययस्य उपयोगः भवति |
यथा – रामः किमर्थं चषकं स्वीकरोति ? रामः दुग्धं पातुं चषकं स्वीकरोति |
“रामः पठितुं शालां गच्छति |” – एतस्मिन् वाक्ये गच्छति इति क्रिया पठनोद्देशेन अस्ति । अतः पठनम् - उद्धिष्टक्रिया । एवम् उद्दिष्टक्रियायाः “तुमुन्” भवति ।
तुमुन्नन्तरूपाणि ---
वर्तमानकालः | तुमुन्नन्तरुपम् | |
---|---|---|
१. | पतति | पतितुम् |
२. | हसति | हसितुम् |
३. | धावति | धावितुम् |
४. | पठति | पठितुम् |
५. | भवति | भवितुम् |
६. | चलति | चलितुम् |
७. | नयति | नेतुम् |
८. | लिखति | लेखितुम् |
९. | मिलति | मेलितुम् |
१०. | क्रीणाति | क्रेतुम् |
११. | शृणोति | श्रोतुम् |
१२. | नयति | नेतुम् |
१३. | करोति | कर्तुम् |
१४. | गृह्णाति | ग्रहीतुम् |
१५. | पृच्छति | प्रष्टुम् |
१६. | पश्यति | द्रष्टुम् |
१७. | पिबति | पातुम् |
१८. | ददाति | दातुम् |
१९. | उत्तिष्ठति | उत्थातुम् |
२०. | उपविशति | उपवेष्टुम् |
पठत अवगच्छत च -
' इच्छति , शक्नोति च ' प्रयोगे तुमुन्
रामनाथः लेखनम् इच्छति । ———> रामनाथः लेखितुम् इच्छति ।
माला पठनम् इच्छति । ———> माला पठितुम् इच्छति ।
राघवः पानम् इच्छति । ———> राघवः पातुम् इच्छति ।
गीता हसनम् इच्छति । ———> गीता हसितुम् इच्छति ।
रिषभः क्रीडनम् इच्छति । ———> रिषभः क्रीडितुम् इच्छति ।
लता (गानम्) गातुं शक्नोति ।
राधा ( नर्तनम्) नर्तितुं शक्नोति ।
बालकः (धावनम्) धावितुं शक्नोति ।
धनिकः (दानम्) दातुं शक्नोति ।
शिष्यः श्लोकान् (पठनम्) पठितुं शक्नोति ।
अभ्यासः
१) कोष्ठगतशब्दान् तुमुन्नन्तपदेषु परिवर्त्य रिक्तस्थानानि पूरयतु ।
१. राजेशः ______ इच्छति (कथनम्) ।
२. रमेशः ______ इच्छति (गमनम्) ।
३. शिशुः ______ इच्छति (खादनम्) ।
४. बालकः ______ इच्छति (चलनम्) ।
५. कर्मकारः कर्मं______ इच्छति (करणम्) ।
६. अहं ______ विद्यालयं गच्छामि । (पठनार्थम्)
७. देवदत्तः ______ गच्छति । (शयनार्थम्)
७. शिष्याः ______ गच्छन्ति । (वन्दनार्थम्)
८. भक्ताः ______ मन्दिरं गच्छन्ति । (अर्चनार्थम्)
९. मूषकः ______ भोजनालयं प्रविशति । (खादनार्थम्)
१०. आरक्षकाः ______ द्वारे तिष्ठन्ति । (रक्षणार्थम्)
२) कोष्ठे दत्तेन धातुना सह तुमुन्-प्रत्ययं योजयित्वा उचितं रूपं रिक्ते स्थाने लिखतु ।
१. गोविन्दः तत्र ______ शक्नोति । (स्था)
२. बालिका एतत् पुस्तकं ______ शक्नोति ।(पठ्)
३. यूयं गीताम् ______ शक्नुथ । (उपदिश्)
४. वानरः वृक्षम् ______ शक्नोति । (आरुह्)
५. सर्पः बिलं ______ शक्नोति । (प्रविश्)
3) क्त्वान्ते तुमुन्नन्ते च परिवर्तनस्य अभ्यासः -
उदाहरणम् अनुसृत्य वाक्यानां परिवर्तनं करोतु ---
वर्तमानकाले | क्त्वान्ते | तुमुन्नन्ते | |
---|---|---|---|
उदा. | पितामही स्नाति; पितामही देवम् अर्चति । | पितामही स्नानं कृत्वा देवम् अर्चति । | पितामही देवम् अर्चितुम् स्नानं करोति। |
१. | शिशुः दुग्धं पिबति। शिशुः क्रीडति। | ||
२. | माता पाकशालां गच्छति। माता ओदनं पचति। | ||
३. | नर्तकी नृत्यति। जनान् तोषयति। | ||
४. | रामः विद्यालयं गच्छति। अध्ययनं करोति। | ||
५. | त्वं मधुरं खादसि। हस्तं प्रक्षालयसि। | ||
६. | शिष्यः रामायणं पठति। अर्थं वदति। | ||
७. | माला आपणं गच्छति। शाकानि आनयति। | ||
८. | अहं कारयानं चालयामि। कार्यालयं गच्छामि। | ||
९. | वानरः वृक्षम् आरोहति। फलं खादति। | ||
१०. | भवान् क्रीडति। पदकं प्राप्नोति। |
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