13---bhAShita-saMskRutam/Introductory-Sanskrit-lessons/tumun-pratyayaH: Difference between revisions
13---bhAShita-saMskRutam/Introductory-Sanskrit-lessons/tumun-pratyayaH
Content added Content deleted
m (Vidhya moved page ४०. तुमुन् प्रत्ययः to ४०. तुमुन् प्रत्ययः) |
No edit summary |
||
Line 37: | Line 37: | ||
==== <big>'''अवधेयम् ---'''</big> ==== |
==== <big>'''अवधेयम् ---'''</big> ==== |
||
<big>'''कर्तुम्, गन्तुम्, क्रेतुम्, पठितुम्, भवितुम्, प्रार्थितुम्, पातुम्, खादितुम्, क्रीडितुम्, प्रत्यागन्तुम्''' इति एतेषु शब्देषु “'''तुमुन्'''” इति प्रत्ययः योजितः अस्ति | एकस्याः क्रियायाः अपेक्षायाम् इच्छायां वा यदि अन्या काचित् क्रिया भवति तर्हि अपेक्षितक्रियायाः प्रदर्शनाय “'''तुमुन्'''” इति प्रत्ययस्य उपयोगः भवति | यथा –</big> |
<big>'''कर्तुम्, गन्तुम्, क्रेतुम्, पठितुम्, भवितुम्, प्रार्थितुम्, पातुम्, खादितुम्, क्रीडितुम्, प्रत्यागन्तुम्''' इति एतेषु शब्देषु “'''तुमुन्'''” इति प्रत्ययः योजितः अस्ति | एकस्याः क्रियायाः अपेक्षायाम् इच्छायां वा यदि अन्या काचित् क्रिया भवति तर्हि अपेक्षितक्रियायाः प्रदर्शनाय “'''तुमुन्'''” इति प्रत्ययस्य उपयोगः भवति | यथा –</big> |
||
Line 50: | Line 50: | ||
<big>यथा – रामः किमर्थं चषकं स्वीकरोति ? रामः दुग्धं पातुं चषकं स्वीकरोति |</big> |
<big>यथा – रामः किमर्थं चषकं स्वीकरोति ? रामः दुग्धं पातुं चषकं स्वीकरोति |</big> |
||
Line 56: | Line 55: | ||
⚫ | |||
⚫ | |||
{| class="wikitable" |
{| class="wikitable" |
||
! |
! |
||
Line 63: | Line 62: | ||
!<big>तुमुन्नन्तरुपम्</big> |
!<big>तुमुन्नन्तरुपम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|१. |
|१. |
||
|<big>पतति</big> |
|<big>पतति</big> |
||
|<big>पतितुम्</big> |
|<big>पतितुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|२. |
|२. |
||
|<big>हसति</big> |
|<big>हसति</big> |
||
|<big>हसितुम्</big> |
|<big>हसितुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|३. |
|३. |
||
|<big>धावति</big> |
|<big>धावति</big> |
||
|<big>धावितुम्</big> |
|<big>धावितुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|४. |
|४. |
||
|<big>पठति</big> |
|<big>पठति</big> |
||
|<big>पठितुम्</big> |
|<big>पठितुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|५. |
|५. |
||
|<big>भवति</big> |
|<big>भवति</big> |
||
|<big>भवितुम्</big> |
|<big>भवितुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|६. |
|६. |
||
|<big>चलति</big> |
|<big>चलति</big> |
||
|<big>चलितुम्</big> |
|<big>चलितुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|७. |
|७. |
||
|<big>नयति</big> |
|<big>नयति</big> |
||
|<big>नेतुम्</big> |
|<big>नेतुम्</big> |
||
Line 95: | Line 94: | ||
|<big>लेखितुम्</big> |
|<big>लेखितुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|९. |
|९. |
||
|<big>मिलति</big> |
|<big>मिलति</big> |
||
|<big>मेलितुम्</big> |
|<big>मेलितुम्</big> |
||
Line 115: | Line 114: | ||
|<big>कर्तुम्</big> |
|<big>कर्तुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|१४. |
|१४. |
||
|<big> |
|<big>गृह्णाति</big> |
||
|<big>ग्रहीतुम्</big> |
|<big>ग्रहीतुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|१५. |
|१५. |
||
|<big>पृच्छति</big> |
|<big>पृच्छति</big> |
||
|<big>प्रष्टुम्</big> |
|<big>प्रष्टुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|१६. |
|१६. |
||
|<big>पश्यति</big> |
|<big>पश्यति</big> |
||
|<big>द्रष्टुम्</big> |
|<big>द्रष्टुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|१७. |
|१७. |
||
|<big>पिबति</big> |
|<big>पिबति</big> |
||
|<big>पातुम्</big> |
|<big>पातुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|१८. |
|१८. |
||
|<big>ददाति</big> |
|<big>ददाति</big> |
||
|<big>दातुम्</big> |
|<big>दातुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|१९. |
|१९. |
||
|<big>उत्तिष्ठति</big> |
|<big>उत्तिष्ठति</big> |
||
|<big>उत्थातुम्</big> |
|<big>उत्थातुम्</big> |
||
|- |
|- |
||
|२०. |
|२०. |
||
|<big>उपविशति</big> |
|<big>उपविशति</big> |
||
|<big>उपवेष्टुम्</big> |
|<big>उपवेष्टुम्</big> |
||
Line 145: | Line 144: | ||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
⚫ | |||
<big>रामनाथः लेखनम् इच्छति। ———> रामनाथः लेखितुम् इच्छति।</big> |
<big>रामनाथः लेखनम् इच्छति। ———> रामनाथः लेखितुम् इच्छति।</big> |
||
Line 172: | Line 171: | ||
<big><br /></big> |
<big><br /></big> |
||
=== |
===<big>अभ्यासः</big>=== |
||
<big><br />'''१) कोष्ठगतशब्दान् तुमुन्नन्तपदेषु परिवर्त्य रिक्तस्थानानि पूरयन्तु ।'''</big> |
<big><br />'''१) कोष्ठगतशब्दान् तुमुन्नन्तपदेषु परिवर्त्य रिक्तस्थानानि पूरयन्तु ।'''</big> |
||
Line 196: | Line 195: | ||
<big>९. मूषकः ______ भोजनालयं प्रविशति । (खादनार्थम्)</big> |
<big>९. मूषकः ______ भोजनालयं प्रविशति । (खादनार्थम्)</big> |
||
<big>१०. आरक्षकाः ______ द्वारे तिष्ठन्ति । ( |
<big>१०. आरक्षकाः ______ द्वारे तिष्ठन्ति । (रक्षणार्थम्)</big> |
||
<big><br /></big> |
<big><br /></big> |
||
==== |
===='''<big>२) कोष्ठे दत्तेन धातुना सह तुमुन्-प्रत्ययं योजयित्वा उचितं रूपं रिक्ते स्थाने लिखन्तु ।</big>'''==== |
||
<big>१. गोविन्दः तत्र ______ शक्नोति । (स्था)</big> |
<big>१. गोविन्दः तत्र ______ शक्नोति । (स्था)</big> |
||
Line 213: | Line 213: | ||
<big><br /></big> |
<big><br /></big> |
||
==== |
====<big>3) तुमुनान्त परिवर्तनम् अभ्यासः</big>==== |
||
<big>उदाहरणम् अनुसॄत्य परिवर्तनम् करोतु ---</big> |
<big>उदाहरणम् अनुसॄत्य परिवर्तनम् करोतु ---</big> |
||
{| class="wikitable" |
{| class="wikitable" |
||
! |
! |
||
!<big>वर्तमानकालः</big> |
!<big>वर्तमानकालः</big> |
||
!<big> |
!<big>क्त्वान्त</big> |
||
!<big> |
!<big>तुमुन्नन्त</big> |
||
|- |
|- |
||
|<big>उदा.</big> |
|<big>उदा.</big> |
||
Line 237: | Line 239: | ||
|- |
|- |
||
|<big>३.</big> |
|<big>३.</big> |
||
|<big>नर्तकी |
|<big>नर्तकी नृत्यति। जनान् तोषयति।</big> |
||
| |
| |
||
| |
| |